बुर्के वाली ने लूटा सबकुछ, 7 साल की बच्ची की खौफनाक कहानी

 

नई दिल्ली: कर्नाटक के बेंगलुरु में कुछ ऐसा ही हुआ, जब एक मासूम बच्ची का अपहरण करने वाला चालाकी दिखाते हुए मददगार बनने का नाटक करता रहा। तारीख थी 9 जुलाई 2024 और वक्त शाम के तकरीबन 4 बजे। बेंगलुरु में रहने वालीं सैयदा समीना निसार नाम की महिला के मोबाइल पर एक मेसेज आया। मेसेज में लिखा था, ‘समीना निसार, आपकी सात साल की बेटी मेरे कब्जे में है और सही सलामत है इसलिए चिंता न करें। पुलिस या किसी रिश्तेदार को इस बारे में बताने की कोशिश मत करना। मेरे लोगों की निगाहें 24 घंटे तुम्हारे ऊपर लगी हैं, इसलिए कोई चालाकी मत करना।’ कुछ देर बाद समीना के मोबाइल पर एक और मेसेज आया, जिसमें 10 लाख रुपये की फिरौती देने के लिए कहा गया। समीना घबरा गईं और तुरंत अपने पति को ये बात बताई। इसके बाद कुछ रिश्तेदारों को साथ लेकर समीना पुलिस थाने पहुंच गई।

जिस बच्ची का अपहरण हुआ, उसका नाम था राखिबा निसार। सात साल की राखिबा पास के ही एक स्कूल में कक्षा 2 में पढ़ती थी। उसके पिता खाड़ी देशों में नौकरी करते थे और कुछ समय पहले ही भारत लौटे थे। पुलिस पूछताछ के लिए बच्ची के स्कूल पहुंची तो पता चला कि बुर्का पहने एक महिला आई थी। उसने कहा कि राखिबा की दादी की तबीयत खराब है, इसलिए वो उसे लेने आई है। राखिबा भी उस महिला को देखते ही उसके गले लग गई, इसलिए क्लास टीजर को लगा कि बच्ची उसे जानती है। अब पुलिस के पास सुराग के नाम पर केवल बुर्के वाली वो महिला थी, जिसका नाम-पता तक क्लास टीचर ने पूछना जरूरी नहीं समझा।

राखिबा की मां समीना के पास जिस नंबर से मेसेज आया, वो बंद हो चुका था। वक्त लगातार बीत रहा था और पुलिस के हाथ खाली थे। मामला बेहद उलझा हुआ था, क्योंकि किडनैपर का कोई सुराग नहीं मिल रहा था। समीना जब अपनी बच्ची की शिकायत दर्ज कराने आई थीं तो उनके साथ कई रिश्तेदार थे। इन्हीं में से एक था सैयद सलमान शाह। वो हर जगह समीना के साथ था और बार-बार दिलासा दे रहा था कि सबकुछ ठीक हो जाएगा। राखिबा की मां समीना और सलमान की पत्नी शबरीन आपस में चचेरी बहनें थीं। शबरीन का घर भी समीना से कुछ ही दूरी पर था। केस की तफ्तीश के दौरान एक अजीब बात हुई। सलमान अक्सर थोड़ी देर के लिए थाने से बाहर जाता और फिर लौट आता। उसके चेहरे पर कुछ तनाव सा भी साफ नजर आ रहा था।

सलमान की इस हरकत को समीना की सगी बहन और उसके पति ने नोट कर लिया। उन दोनों ने समीना से कहा कि उन्हें सलमान पर कुछ शक हो रहा है। हालांकि, समीना ने उनकी बात को अनसुना कर दिया। लेकिन वो दोनों नहीं माने और पुलिस इंस्पेक्टर को अकेले में ले जाकर अपने शक के बारे में बताया। केस की जाच कर रहे इंस्पेक्टर टी रंगप्पा ने इस बात को गंभीरता से लिया और अगले ही दिन सलमान को पूछताछ के लिए बुला लिया। थोड़ी देर की सख्ती के बाद ही सलमान टूट गया और उसने कबूल कर लिया कि राखिबा का अपहरण उसने ही किया है। पुलिस की टीमें तुरंत सलमान के घर पहुंचीं, जहां पलंग के नीचे कंबल में लिपटी हुई राखिबा की लाश मिली।

 

राखिबा के अपहरण और हत्या में सलमान और उसकी पत्नी शबरीन दोनों शामिल थे। शबरीन ही बुर्के वाली वो महिला थी, जो राखिबा को स्कूल से झूठ बोलकर अपने साथ लाई थी। चूंकि, राखिबा अपनी चाची शबरीन को पहचानती थी, इसीलिए वो उसके गले लग गई। पूछताछ में सलमान ने बताया कि उसे पैसों की सख्त जरूरत थी। राखिबा के पिता खाड़ी देशों से लौटे थे, इसलिए उन्हें लगता था कि उनके पास काफी रकम होगी। ऐसे में सलमान और उसकी पत्नी ने राखिबा को किडनैप कर 10 लाख रुपये की फिरौती मांगी। किडनैपिंग के बाद वो राखिबा की मां के साथ थाने गया और उसके साथ ही रहा, ताकि उसके ऊपर किसी को शक ना हो। इसके अलावा वो पुलिस के एक्शन प्लान पर भी नजर रखना चाहता था।

 

हालांकि, जब सलमान ने देखा कि पुलिस मामले की काफी गहराई से छानबीन कर रही है और उसकी साजिश का पर्दाफाश हो सकता है, तो उसने राखिबा को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया। वो थाने से घर आया और शबरीन के साथ मिलकर उसका गला दबा दिया। सलमान और शबरीन अगले दिन राखिबा की लाश को ठिकाने लगाने वाले थे। हालांकि, इससे पहले ही दोनों पुलिस के शिकंजे में आ गए। राखिबा ही हत्या के लिए सलमान और शबरीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, जबकि उसके चाचा के कत्ल केस की सुनवाई अभी जारी है।
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