17 मौतों के बाद हिंदू-मुस्लिम एकता, जनाजे में भावुक दृश्य

 

थरस में हिंदुओं ने उठाए मुस्लिम जनाजे, मां के साथ दफन मासूम देखकर सब रो पड़ेआगरा के खंदौली इलाके के सेमरा गांव में 6 सितंबर की रात एंबुलेंस के सायरन की आवाज गूंजने लगी। एक के बाद कई एंबुलेंस की लाइन लग गई। एक-एक कर 14 डेडबॉडी उतारी गईं। ये शव हाथरस सड़क हादसे में मरने वालोंके थे। अपने परिजनों को कफन मगर, शुक्रवार को हाथरस में हुए बड़े हादसे में यह दूरी मिट गई।

बेदरिया खां के परिवार की मदद को हिंदू परिवार आगे आ गए। कोई आंसू पोंछ रहा था तो कोई गले लगाकर सांत्वना दे रहा था। वहीं, गांव की हिंदू महिलाएं रात को ही बेदरिया खां, मुन्ना खां और चुन्नासी खां के घर पर पहुंच गईं। रात में मृतकों के रिश्तेदार पहुंचे तो उनको ढांढस बंधाती रहीं। कोई सांत्वना दे रहा था तो कोई पानी पिला रहा था। रोते-बिलखते परिवार के लोगों का सहारा मोहल्ले के हिंदू परिवार ही बने। जनाजों को आखिरी विदाई देने वालों में हिंदू परिवार थे। जनाजे निकलने के वक्त घर के दरवाजों, छतों पर आंसू बहाती दिखीं महिलाएं

गांव की छोटी-छोटी गलियों से होकर शवों को कब्रिस्तान ले जाया गया। बेदरिया खां और उनके भाइयों के घरों के पास हिंदू परिवार की महिलाएं दरवाजों के बाहर आंखों में आंसू लिए खड़ी थीं। घरों की छत पर लोग खडे़ थे। हर किसी की आंख से आंसू बह रहे थे। हर किसी ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी।हादसे में बेदरिया खां के 2 बेटे और नाती की मौत हो गई। बेदरिया के भाई चुन्नासी खां के बेटे हामिद का परिवार खत्म हो गया। हादसे में हामिद, उसकी पत्नी तबस्सुम, चार साल के बेटे शोएब और दो साल के बेटे सूफियान की मौत हो…

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