अंतिम संस्कार के लिए दे दो दो गज ज़मीन

 

ब्यूरो मुन्ना बक्श न्यूज़ वाणी बांदा। ज़िंदा रहते, रहने की जगह नहीं, मरने के बाद भी नही है ठिकाना । साहब शव के अंतिम संस्कार के लिऐ देदो दो गज जमीन। देश की आज़ादी को आठ दशक पूरे होने को हैं । लोग चांद के बाद सूरज पर पहुंचने के प्रयास में हैं लेकिन ज़मीन के हालात आज भी जस के तस हैं ।

इसकी जिंदा मिसाल बांदा के महुवा गांव में देखने को मिली है। महुआ ब्लॉक के ग्राम पंचायत नगनेधी के अंश भग्गू पुरवा में शमशान घाट न होने से लोगो को समस्याओं का सामना करना ओढ़ रहा है । गांव के लोगों के आवाहन पर चिंगारी संगठन ने गांव के लोगों के साथ इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया ।

महुआ ब्लॉक के ग्राम पंचायत नगनेधी के अंश भगगू पुरवा में मुक्ति धाम (शमशान घाट) की मांग को लेकर ग्रामीणों ने बी डी ओ महुआ को सुनाई अपनी दुःख भरी दास्तां। चिनगारी संगठन की उर्मिला का कहना है। की हमारे गांव में लोगों के पास ज़िंदा रहते हुए रहने की जगह नहीं है। और मरने के बाद अंतिम क्रियाकर्म के लिए भी कोई जगह नही है। चिनगारी संगठन के सहयोगी भाई जगप्रसाद ने कहा की गांव में शमशान घाट के लिए जगह न होने के कारण कई बार समस्यायों का सामना करना पड़ता है। कई बार इस समस्या को लेकर ग्राम प्रधान को अपना दुखड़ा सुनाया है। लेकीन आजतक कोई सुनवाई नहीं हुई। इसलिए आज हम ग्रामीण बी डी ओ साहब को अपनी आप बीती सुनाने आए है। की हमारे गांव में कोई जगह देखकर शमशान घाट के लिए जगह सुनिश्चित करने की कृपा करें इसी समस्या के चलते ग्रामीणों ने बी डी ओ महुआ को लिखित पत्र देकर शमशान घाट की मांग की मौके पर चिनगारी संगठन की सुनिता मिथला समेत गांव के कई लोग शामिल हुए।

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