उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के गोरखनाथ थाना क्षेत्र से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां रिटायर दरोगा के बेटे की लाश कमरे में फंदे पर लटकी हुई मिली. गोरखनाथ थाना क्षेत्र के विनायकपुरम कॉलोनी में रहने वाले रिटायर दरोगा विजय प्रताप सिंह के बेटे सूर्य प्रताप सिंह ने कुछ साल पहले लव मैरिज की थी. मैरिज के कुछ दिन बाद तक तो पति-पत्नी के संबंध अच्छे रहे. दोनों को एक बेटा भी पैदा हुआ. बेटे की उम्र वर्त मान में सात साल के आसपास है, लेकिन उसके बाद दोनों में विवाद होने लगा.
पत्नी शिक्षामित्र है और सूर्यप्रताप दसवीं तक के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर अपना जीवनयापन करता था. हाल के दिनों में पति-पत्नी में काफी विवाद होने लगा. कुछ दिन पहले विवाद बढ़ने पर पत्नी रोमा ने 112 नंबर पर डायल कर पुलिस को बुला लिया था. मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों को समझा-बुझाकर शांत करा दिया था. कल देर शाम भी दोनों में विवाद हुआ. मामला काफी बढ़ गया तो सूर्य प्रताप अलग कमरे में जाकर सो गया और पत्नी अपने कमरे में बच्चे के साथ सो गई.
सुबह देर तक जब सूर्य प्रताप का कमरा नहीं खुला तो परिजन को चिंता सताने लगी. घरवालों ने खिड़की से कमरे के अंदर देखा तो फंदे पर युवक की लाश लटकी दिखाई दी. पुलिस को तत्काल मौके पर बुलाया गया. सूर्यप्रताप को परिजन अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने मृत्यु घोषित कर दिया. उसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. मृतक का छोटा भाई नीरज श्रीलंका में प्राइवेट जॉब करता है. उसको भी घटना की सूचना दी गई है. घरवाले उसके आने के बाद ही अंतिम संस्कार का प्लान बनाए हैं.
घरवालों ने बताया कि सूर्यप्रताप का पत्नी से विवाद तो अलग मामला है. कुछ दिन से वह अवसाद में था. कारण बीते 10 मार्च, 2024 को उसने कार से तीन लोगों को रौंद दिया था, जिसमें से 42 वर्षीय मोईन और 38 वर्षीय अकील अहमद की मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस ने उसे 12 मार्च को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. करीब 15 दिन पहले वह जेल से छुटकर आया था, लेकिन वह हादसे को भूल नहीं पा रहा था और उसी के चलते अवसाद में था. वह काफी चिड़चिड़ा हो गया थे.
इस संबंध में एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि घटना की जानकारी होते ही पुलिस मौके पर पहुंची थी. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. घरवाले घटना का कारण पत्नी से विवाद के अलावा अवसाद को बता रहे हैं. अभी किसी ने लिखित शिकायत नहीं की है. घटना के संबंध में शिकायत मिलने पर साक्ष्यों व तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
घटना को लेकर मनोचिकित्सक डॉ आकृति पांडेय ने बताया कि जब कोई भी इंसान लगातार नकारात्मक स्थिति में रहता है तो उसकी सोच भी उसी के अनुसार हो जाती है. जो भी नेगेटिव विचार उसके मस्तिष्क में आते हैं, वह उसकी तरफ आकर्षित हो जाता है. ऐसे व्यक्तियों के अंदर जो स्ट्रेस हार्मोन होता है, उसकी कमी होने लगती है. शुरुआत में तनाव हल्का दिखता है, लेकिन बाद में वह अवसाद बीमारी में बदल जाता है. ऐसे लोगों की बेहतर डॉक्टर से काउंसलिंग करानी और परिवार के लोगों को उनको इमोशनल सपोर्ट देना चाहिए.