अचानक क्यों हटाई गईं साईं बाबा की मूर्तियां, वजह जान उड़े सभी के होश

 

अत्याध्मिक नगरी वाराणसी के मंदिरों में स्थापित साईं बाबा की मूर्तियों का विरोध किया जा रहा है. वाराणसी में साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर फिर से विवाद छिड़ गया है. केंद्रीय ब्राह्मण सभा नाम का संगठन मंदिरों से साईं की प्रतिमा हटा रहा है.  सनातन रक्षक दल भी इस अभियान से जुड़ गया है. रविवार देर रात से ये मुहीम शुरू की गई है. इसकी शुरुआत बड़ा गणेश मंदिर से हुई. यहां से साईं बाबा की प्रतिमा ये कहकर हटाई गई कि ये चांद बाबा हैं और ये तय हुआ है कि इनकी पूजा सनातन में नही हो सकती.

सनातन रक्षक दल का कहना है कि 14 मंदिरों से साईं की प्रतिमा हटा दी गई है और अभी कई और मंदिर बाकी हैं, जहां से साईं की प्रतिमा हटानी है. बड़ा गणेश मंदिर के पुजारी का भी कहना है कि साईं की प्रतिमा 2013 में यहां स्थापित की गई थी और अगर ये शास्त्र सम्मत नही है तो हटा देने में कोई समस्या नही है. अभियान से जुड़े संगठनों का कहना है कि यदि किसी की आस्था साईं बाबा में है तो हमें उसपर कोई आपत्ति नही है.

वो साईं का मंदिर बनाए वहां पूजा करें लेकिन बाकी देवताओं के मंदिर में उनको नही रहने देंगे. वाराणसी में 14 मंदिरों से हिंदू संगठनों ने साईं प्रतिमा हटाने का दावा किया है. उनका कहना है कि शहर 28 मंदिर उनके निशाने पर हैं. उनका आरोप है कि साईं बाबा मुस्लिम हैं. उनका सनातन धर्म से कोई रिश्ता नहीं, इसलिए इनकी मूर्तियां हटाई जा रही हैं. संगठनों का कहना है कि साईं पूजा का विरोध नहीं है, लेकिन मंदिरों में मूर्ति नहीं लगने देंगे.

समाजवादी पार्टी के नेता एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने इसे बीजेपी के इशारे पर हिन्दू संगठनों द्वारा किया जा रहा षड्यंत्र बताया है. आशुतोष सिन्हा का कहना है कि शिक्षा-दवाई और पढ़ाई जैसे मुद्दों से भटकाने के लिए ये सारा तमाशा किया जा रहा है. दस साल पहले 2014 में द्वारिका शारदा पीठ एवं ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वरूपा नंद सरस्वती ने राम नवमी के दिन साईं के खिलाफ राष्ट्र व्यापी अभियान शुरू किया था. स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा था कि कहा जाता है कि पूजा अवतार या गुरु की जाती है.

सनातन धर्म में भगवान विष्णु के 24 अवतार माने जाते हैं. कलयुग में बुद्ध और कल्कि के अलावा किसी अवतार की चर्चा नहीं है. इसलिए, साईं अवतार नहीं हो सकते. उन्होंने कहा था कि रही बात गुरु मानने की तो गुरु वह होता है जो सदाचार से भरा हो, लेकिन साईं मांसाहारी थे, मुस्लिम थे और लोगों के खतना करवाते थे ऐसे में वह हमारे आदर्श भी नहीं हो सकते.

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