-ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल के प्रति जागरूक करने की मुहिम
देवमई, फतेहपुर । भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन के तहत विकासखंड देवमई में सरकारी और गैर-सरकारी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन एमिनेन्स इनोवेटिव स्किल एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड की ओर से किया गया, जिसका उद्देश्य ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को जल संरक्षण, जल संचयन और शुद्ध पेयजल आपूर्ति के महत्व से अवगत कराना था। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता एडीओ पंचायत दिनेश कुमार और सीडीपीओ अर्जुन सिंह ने की। इस दौरान संस्था के डिस्ट्रिक्ट हेड नितेश दीक्षित ने जल जीवन मिशन की संपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि यह योजना हर ग्रामीण परिवार को नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखती है। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को उनके दायित्वों के बारे में विस्तार से बताया और उन्हें प्रेरित किया कि वे ग्रामीणों को जागरूक करें, ताकि वे जल संरक्षण के प्रति सजग रहें। एडीओ पंचायत दिनेश कुमार ने अपने संबोधन में जल संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज के समय में पानी की बचत अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इसके लिए हमें सभी स्तरों पर प्रयास करने होंगे। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों को संकल्प दिलाया कि वे पानी की बर्बादी रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे और जल संचयन के प्रयासों में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। मास्टर ट्रेनर अनुज कुमार ने प्रशिक्षण के दौरान जल संचयन और जल संरक्षण के अलावा, डायरिया जैसी बीमारियों से बचाव पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने केंद्रों और ग्राम पंचायतों में लोगों को स्वच्छ पेयजल और उचित स्वास्थ्य प्रथाओं के बारे में जागरूक करें। उनके अनुसार, इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम न केवल स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करेंगे, बल्कि जल संकट को भी कम करेंगे। इस अवसर पर बाल विकास परियोजना से जुड़े सुपरवाइजर, ब्लॉक कोऑर्डिनेटर संजय, सरताज, विकास और विकासखंड की समस्त आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां उपस्थित रहीं। सभी ने कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया और जल जीवन मिशन के लक्ष्यों को सफल बनाने के लिए अपना समर्थन दिया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आने वाले दिनों में विभिन्न ग्राम पंचायतों में भी आयोजित किया जाएगा, ताकि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से ग्रामीण समुदायों में जल संरक्षण और स्वच्छ पेयजल के प्रति जागरूकता फैलाई जा सके।