गरीब बुजुर्ग के हिस्से की लड़ाई मेरी लड़ाई है और इसे मैं लड़ता रहूंगा : सुमित   

 

ब्यूरो मुन्ना बक्श न्यूज़ वाणी बांदा। गरीब प्रत्येक जाति में होते हैं किन्तु सवर्ण समाज के अंदर गरीब होना किसी अभिशाप से कम नहीं है क्योंकि उनकी आवाज उठाने वाला शायद ही कोई नेता हों

ब्लाक महुआ अंतर्गत सहेवा गांव निवासी रामचंद्र गुप्ता उम्र 75 साल के वृद्ध व्यक्ति हैं जो कि लकवा से भी ग्रस्त हैं तथा काफी इलाज के बाद अब कुछ हद तक ठीक है उनके पास किसी भी प्रकार की खेती योग्य भूमि नहीं है यहां तक की जीविकोपार्जन के लिए दूसरे के मकान में दिनचर्या से सम्बंधित वस्तुएं व सब्जी आदि बेचकर अपना घर चलाते हैं। लड़कियों की शादी के बाद टूटे पुराने घर में गरीब बुजुर्ग पति पत्नी रहते हैं घर में दूसरा कोई आय का साधन नहीं है

समाजसेवी सुमित शुक्ला ने उन्हें आश्वासन देते हुए कहा कि आप चिंता न करें अब हम लोग आपकी समस्या को जिले के प्रत्येक जिम्मेदार अधिकारियों तक पहुंचाने का कार्य करेंगे तथा राजनेताओं को भी अवगत करायेंगे इसके साथ ही ग्राम प्रधान अशोक कुशवाहा से जांच कर उन्हें जल्द ही प्रधानमंत्री आवास व शौचालय उपलब्ध कराने को कहा है।

समाजसेवी सुमित शुक्ला ने बताया कि रामचंद्र गुप्ता के अनुसार हमारा लाल कार्ड बना है जिससे अनाज मिल जाता है इसके अलावा हमें किसी भी प्रकार की योजनाओं का कोई भी लाभ नहीं मिलता हमने शौचालय और आवास के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और नेताओं से मांग की किंतु आश्वासन छोड़ कुछ भी नहीं मिला अब हमें जानकारी प्राप्त हुई है पूरी कोशिश होगी कि उन्हें सरकारी योजनाओं के साथ साथ अन्य मदद भी मिलती रहें तथा जिले में ऐसे भूमिहीन गरीब लोगों को चिह्नित कर रहे हैं उन्हें खोज खोज कर सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे

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