गाजीपुर पुलिस का रंग अब धीरे धीरे बदल रहा है. थाने चौकियों से फरियादियों को अब तक डांट फटकार कर भगाने वाली पुलिस अब फरियादियों के लिए पसीने बहा रही है. गाजीपुर एसपी डॉ. ईरज राजा के मुताबिक दहिसर मुंबई के रहने वाले आभूषण कारोबारी सुमंत मंडल यहां के सोनारों के साथ मिलकर कारोबार करते हैं. वह सैंपल दिखाकर ऑर्डर लेते हैं और फिर बुकिंग के मुताबिक मुंबई से माल मंगाकर आर्डर की सप्लाई करते हैं.
सोमवार को वह कोतवाली थाना क्षेत्र में एक सोनार के यहां सैंपल दिखाने जा रहे थे. ई रिक्शा से वह जयप्रकाश आर्नामेंट हाउस गुरुद्वारा गली के सामने पहुंचे और जल्दी-जल्दी में ई-रिक्शा चालक को किराया दिया और अपना ब्रीफकेस भूलकर दुकान के अंदर चले गए. इधर, ई-रिक्शा चालक को भी ध्यान नहीं रहा और वह अगली सवारी के लिए आगे बढ़ गया. वहीं दुकान में कुछ देर तक सुमंत सोनार के साथ बातचीत करते रहे और उन्हें माल दिखाने के लिए ब्रीफकेस उठाने की कोशिश की तो ध्यान आया कि वह तो ई-रिक्शा में ही छोड़ कर उतर गए थे. यह सोचते ही उनके होश उड़ गए.
दरअसल ब्रीफकेश में 10 लाख से अधिक का माल था. उन्होंने तत्काल मामले की जानकारी पुलिस को दी. पुलिस भी सूचना मिलते ही रहकत में आ गई. तुरंत घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया. इससे पता चल गया कि ई-रिक्शा किस दिशा में गया है. इसके बाद सीसीटीवी कैमरे से ईरिक्शा का पीछा करते हुए पुलिस ने महज एक घंटे की मशक्कत में उसे ढूंढ निकाला.
उस समय तक ई-रिक्शा सैनिक चौराहे पर खड़ा था. फिर चिता मोबाइल और विशेश्वरगंज चौकी पुलिस ने मौके पर पहुंच कर ई-रिक्शा में से कारोबारी का ब्रीफकेस बरामद किया है. इसके बाद कोतवाली प्रभारी दीनदयाल पांडे ने पीड़ित कारोबारी सुमंत मंडल को कोतवाली बुलाकर उनका गोल्ड फोटो फ्रेम वाला ब्रीफकेस उन्हें वापस लौटा दिया.