इंदौर की ओर से रतलाम आ रही डेमू पैसेंजर ट्रेन में आग लग गई। इंजन से धुआं निकलता देख लोको पायलट ने ट्रेन रोक दी। अचानक ट्रेन रुकने और धुआं निकलता देख यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। वे सामान लेकर खेतों में भागे। हादसा रविवार शाम 5.15 बजे रतलाम से करीब 30 किलोमीटर दूर प्रीतम नगर और रुनीजा रेलवे स्टेशन के बीच हुआ। ट्रेन डॉ.अंबेडकर नगर (महू) से इंदौर होते हुए रतलाम के बीच चलती है। यही ट्रेन शाम 6.30 बजे रतलाम से भीलवाड़ा जाती है। जिसे इस हादसे के बाद आगे के रूट के लिए रद्द कर दिया गया है। पायलट ने उतरकर देखा तो लपटें दिखीं ट्रेन के रुकने के बाद लोको पायलट ने नीचे उतरकर देखा तो इंजन के नीचे से आग की लपटें उठती दिखीं। पायलट ने सबसे पहले आवाज लगाकर यात्रियों को नीचे उतरने के लिए कहा। इधर, ट्रेन में धुआं उठता देखकर आसपास के लोग भी वहां पहुंच गए।
जिसके बाद ट्रेन के स्टाफ ने अग्निशमन यंत्रों से और लोगों ने पास से पानी लाकर आग बुझाने की कोशिश की। जिस जगह ये घटना हुई वह रतलाम स्टेशन से 30 किमी दूर है। वहां रेलवे के ब्रिज निर्माण के कारण फायर ब्रिगेड मौके पर नहीं पहुंच पाई। प्रीतम नगर के ग्रामीणों ने खेतों से पाइप लगाकर पानी डाला। करीब एक घंटे बाद आग पर काबू पाया जा सका। रेलवे के अफसर भी मौके पर पहुंचे। ट्रेन को लाने रतलाम से भेजा गया इंजन ट्रेन करीब दो घंटे तक प्रीतम नगर स्टेशन के पास ही खड़ी रही। ट्रेन को लाने के लिए रतलाम से इंजन वहां भेजा गया। जिसके बाद ट्रेन को रतलाम लाया गया। इधर, रतलाम स्टेशन पर पहुंचे कई यात्रियों को लेने उनके परिजन भी पहुंचे थे। उन्हें जब आग लगने की सूचना मिली तो वे चिंतित और परेशान दिखे।
उन्होंने फोन कर अपनों को हाल जाना। भीलवाड़ा के लिए ट्रेन कैंसिल, यात्री परेशान रतलाम से इस डेमू पैसेंजर ट्रेन को राजस्थान के भीलवाड़ा जाना था। जिस इस हादसे के बाद आगे के लिए निरस्त कर दिया है। रतलाम स्टेशन से भीलवाड़ा की ओर जाने वाले कई यात्री स्टेशन पर घंटों से ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इतनी देर बाद ट्रेन को रद्द करने की घोषणा की गई। ऐसे में हमारा टिकट कैंसिल भी नहीं किया जा रहा है। इससे हम परेशान हो रहे हैं।