जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता और विधायक अब्दुल रहीम राथर को अध्यक्ष चुना गया है. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और प्रोटेम स्पीकर मुबारक गुल ने नए विधानसभा स्पीकर अब्दुल रहीम राथर को नई जिम्मेदारी के लिए बधाई दी. जानकारी के लिए बता दें कि 80 वर्षीय अब्दुल रहीम राथर चरार-ए-शरीफ सीट से सात बार के विधायक हैं. वह पहले भी जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में अध्यक्ष का पद संभाल चुके हैं. साल 2002 से साल 2008 तक वह विपक्ष के नेता भी रहे हैं. जब महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) और उमर अब्दुल्ला की कांग्रेस गठबंधन (NC) ने राज्य में सरकार बनाई थी, तब राथर ने यह जिम्मेदारी संभाली थी.
एडवोकेट अब्दुल रहीम राथर विधानसभा चुनाव में सातवीं बार चुने गए हैं. राथर 1977 से लगातार 2014 तक नेशनल कॉन्फ्रेंस के टिकट पर बडगाम जिले के चार-ए-शरीफ निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीतते रहे हैं. हालांकि, साल 2014 में पीडीपी के उम्मीदवार गुलाम नबी लोन से वह चुनाव हार गए थे. इसके बाद 10 साल चुनाव नहीं हुए. अब 2024 विधानसभा चुनाव में राथर ने फिर वापसी की और गुलाम नबी लोन को ही हराया.
अब्दुल रहीम राथर नेशनल कॉन्फ्रेंस की पूर्ववर्ती सरकारों में राज्य के वित्त मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. वह फारूक अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के पुराने और वरिष्ठ नेताओं में शुमार हैं. फारूक अब्दुल्ला के साथ उन्होंने पार्टी के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के साथ भी कई जिम्मेदारियां संभाली हैं. जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद चुनाव हुए और उमर अब्दुल्ला की सरकार चुन कर आई. अब इस नई सरकार और नए विपक्ष का पहला विधानसभा सत्र है. आज से 6 साल पहले (जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने से एक साल पहले) साल 2018 में यहां विधानसभा सत्र हुआ था.