विजयीपुर, फतेहपुर। ब्लाक क्षेत्र के सिलमी गॉव में मंगलवार को 91 वर्ष की रामलीला में धनुष यज्ञ लीला मंचन व लक्ष्मण, परशुराम संवाद का लीला मंचन किया गया। धनुष यज्ञ की लीला संपन्न हुई। इसके बाद रामजन्म का मंचन किया गया। यज्ञ को भंग करने आई ताड़का का भगवान राम और लक्ष्मण ने वध किया। ताड़का वध के बाद भगवान राम, लक्ष्मण और विश्वामित्र जनकपुरी पहुंचे। धनुष यज्ञ में कोई भी राजा, महाराजा धनुष तोड़ना तो दूर उसे हिला भी नहीं सका। गुरु की आज्ञा लेने के बाद भगवान श्रीराम ने जैसे ही धनुष तोड़ा वैसे ही रामलीला प्रांगण में बैठे दर्शकों ने तालियां बजाई और जय श्रीराम के नारे लगाए। उधर टाउन हाल में बाहर से आए कलाकारों ने खूबसूरती से रामलीला का मंचन करते हुये लोगों को मंत्र-मुग्ध कर दिया। मंचन के दौरान सुग्रीव को उदास एवं परेशान देखकर भगवान श्रीराम ने कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि अपने भ्राता बालि के आतंक से वह छिपकर रह रहे हैं। उसके सामने जो भी जाता है, उसकी शक्ति क्षीण हो जाती है। इस पर भगवान श्रीराम ने पहचान स्वरूप सुग्रीव को विजय हार दिया और कहा कि इसके पहनने से पहचान के कारण बालि का वध संभव है। अतरू तुम जाओ और बालि को युद्ध के लिए ललकारो। इस दौरान सुग्रीव व बालि में भीषण युद्ध हुआ जहां भगवान श्रीराम ने बालि का वध करके सुग्रीव को वहां का राजा बना दिया। जिसमें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के माननीय सह विभाग संघचालक कृष्णस्वरुप, जिलाकार्यवाह रामाभिलाष, विकास पासवन ब्लाक प्रमुख हस्वां द्वारा आरती कर लीला की शुरुआत की गयी। कलाकारों ने सराहनीय अभिनय किया। दर्शकों में नानबच्चा, बुधेश सिंह, करन यादव, रामदुलारी सिंह, शिवेश, मुकेश, रामकरन, बमभोले, शीतल प्रसाद, उपेन्द्र सिंह, घूरे यादव, छोटू सिंह, दीपेंद्र त्रिपाठी आदि कमेटी के सदस्य मौजूद रहे।