बस मार्शलों की नौकरी पर सीएम आतिशी का बड़ा एलान

 

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए काफी काम किए हैं। महिलाओं के साथ बसों में अभद्र व्यवहार ना हो, इसके लिए 2015 में बसों में बस मार्शल लगाये गये। सीसीटीवी और पैनिक बटन लगाये गये, लेकिन 2023 में भाजपा ने अपने अधिकारियों के जरिए इन बस मार्शलों को हटा दिया। आप विधायकों, कार्यकर्ताओं ने बस मार्शलों के लिए सड़क पर संघर्ष किया और आखिर में भाजपा को आप और बस मार्शलों के संघर्ष के आगे झुकना ही पड़ा।

बसों में मार्शलों की नियुक्ति के मुद्दे पर दिल्ली की सीएम आतिशी का कहना है, ‘हम महिलाओं की सुरक्षा के लिए बस मार्शलों को स्थायी रूप से नियोजित करने के लिए एक नीति बनाने के लिए उपराज्यपाल को पत्र लिख रहे हैं। जब तक कोई नीति नहीं बनती, तब तक 10,000 बस मार्शलों को बहाल किया जाना चाहिए।

‘आतिशी ने कहा, ‘बस मार्शलों की स्थायी नियुक्ति का मुद्दा सर्विसेज और पब्लिक ऑर्डर के अंतर्गत केंद्र सरकार के अधीन आता है। ऐसे में जब तक केंद्र सरकार द्वारा बस मार्शलों को स्थायी करने संबंधित पॉलिसी नहीं बनाई जाती, दिल्ली सरकार ने फैसला लिया है कि सभी 10,000 मार्शलों को तत्काल प्रभाव से बसों में तैनात किया जाए। ताकि गरीब परिवारों के के युवाओं को रोजगार मिले और बसों में महिलाएं दोबारा सुरक्षित महसूस कर सकें। मार्शलों की नियुक्ति और उन्हें वेतन देने का सारा खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी।

आतिशी ने कहा, दिल्ली में बसों में महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए 2017-18 में सरकार ने मार्शल तैनात किए थे। बसों में इन मार्शलों की नियुक्ति से महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों को जो सुरक्षा मिली इसका कई प्रमाण दिल्लीवालों ने देखा। उन्होंने दावा किया कि मार्शलों ने बस में महिलाओं के साथ होने वाली बदतमीजी को रोका, किसी बच्चे के अपहरण होने के प्रयास को रोका, बुजुर्गों की मदद की है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने षड्यंत्र रचकर अपने अधिकारी के माध्यम से अप्रैल 2023 से इन बस मार्शलों की तनख्वाह रोक दी।

उन्होंने दावा करते हुए कहा, इससे एक तरफ बसों में महिलाएं असुरक्षित हुई और दूसरी तरफ 10 हजार से अधिक परिवार के युवा बेरोजगार हो गए। केजरीवाल ने बार-बार कहा कि इन बस मार्शलों को वापिस रखा जाए। उन्होंने प्रण लिया कि चाहे जितना भी संघर्ष करना पड़े, लेकिन इन बस मार्शलों को वापिस रोजगार दिलाएंगे। उन्होंने कहा कि, आखिरकार इस संघर्ष के सामने भाजपा को झुकना पड़ा और बस मार्शलों की दोबारा नियुक्ति के लिए तैयार होना पड़ा।

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