-भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला व गोवर्धन पूजा का वर्णन
किशनपुर, फतेहपुर। कार्तिक उद्यापन के अवसर पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के मुख्य यजमान सुभाष चंद्र अग्रवाल पत्नी मधु अग्रवाल के निवास में पांचवें दिन की कथा श्रीकृष्ण बाल लीला, कालियामसन मर्दन तथा गोवर्धन पूजा का सुंदर वर्णन किया। कथावाचक कुंडल कृष्ण शास्त्री ने सोमवार को भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला, माखन चोरी तथा गोवर्धन पूजा की कथा श्रद्धालुओं को सुनाई। उन्होंने कहा कि भगवान की लीलाएं मानव जीवन के लिए प्रेरणादायक हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने बचपन में अनेक लीलाएं की। बाल कृष्ण सभी का मन मोह लिया करते थे। नटखट स्वभाव के चलते यशोदा मां के पास उनकी हर रोज शिकायत आती थी। मां उन्हें कहती थी कि प्रतिदिन तुम माखन चुरा के खाया करते हो, तो वह तुरंत मुंह खोलकर मां को दिखा दिया करते थे कि मैंने माखन नहीं खाया। शास्त्री ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण अपने सखाओं और गोप-ग्वालों के साथ गोवर्धन पर्वत पर गए थे। वहां पर गोपिकाएं 56 प्रकार का भोजन रखकर नाच गाने के साथ उत्सव मना रही थीं। कृष्ण के पूछने पर उन्होंने बताया कि आज के ही दिन देवों के स्वामी इंद्र का पूजन होता है। इसे इंद्रोज यज्ञ कहते हैं। इससे प्रसन्न होकर इंद्र वज्र में वर्षा करते हैं, जिससे प्रचुर अन्न पैदा होता है। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि इंद्र में क्या शक्ति है। उनसे अधिक शक्तिशाली तो हमारा गोवर्धन पर्वत है। इसके कारण ही वर्षा होती है, अतः हमें इंद्र से बलवान गोवर्धन की पूजा करनी चाहिए। बहुत विवाद के बाद श्री कृष्ण की यह बात मानी गई और वज्र में गोवर्धन पूजा की तैयारियां शुरू हो गईं। इस दौरान श्रद्धालु भक्ति के सागर में मंत्रमुग्ध दिखे। इसी क्रम में भजनों की प्रस्तुति में भक्त उमा अग्रवाल, सुधा अग्रवाल, मधु अग्रवाल, सोनल, स्वीटी अग्रवाल, भगवान की लीला में नाचते गाते लीन नजर आई कथा के अंत में मुख्य यजमान सुभाषचंद्र, पत्नी मधु अग्रवाल ने आरती में भाग लिया। इस मौके पर संदीप बंसल, अमिता बंसल, दीपचंनद अग्रवाल, अंजलि अग्रवाल, सुशील अग्रवाल, रुचि, सोनम, आशीश, रितु, नीरज, वंदना, सूर्यांश मोनिका, तमाम नगर के भक्तगण उपस्थित रहे।