रायपुर: CBI की टीम ने शुक्रवार को दो अफसरों को दवा कारोबारी से 60 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों दौड़ाकर पकड़ा है। सुपरिटेंडेंट इलोंका मिंज और इंस्पेक्टर सौम्य रंजन मलिक GST की राशि में गड़बड़ी का सेटलमेंट करने और पेनल्टी से बचाने के नाम पर घूस मांग रहे थे। डीबी स्टार के सबूतों के आधार पर हुई कार्रवाई के बाद दोनों अधिकारियों के घरों पर देर रात छापेमारी हुई। सीबीआई ने वहां से भी सबूत जुटाए हैं। मिंज और मलिक ने दवा कारोबारी राहुल वर्मा को 3 लाख रुपए की पेनल्टी का डर दिखाया। इसके सेटलमेंट के लिए उसने पहले 75 हजार रुपए मांगे थे। छत्तीसगढ़ में ऐसा पहला मौका है, जब CGST अफसरों को रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया गया है।
रायपुर में पहली बार रिश्वतखोरी केस में CGST अफसर की गिरफ्तारी हुई है। 8 नवंबर को कारोबारी राहुल के वॉट्सऐप पर इंस्पेक्टर मलिक ने कॉल किया और कहा कि आपके जीएसटी की राशि में गड़बड़ी हुई है। आप फौरन CGST के दफ्तर में आ जाइये। साथ ही वॉट्सऐप पर नोटिस भी भेजा। नोटिस में करीब 1 लाख 21 हजार रुपए का हिसाब-किताब नहीं होना बताया। लेकिन दोनों ही अफसरों ने इसमें ब्याज जोड़कर 3 लाख का जुर्माना लगाने की बात कही।
डीबी स्टार ने CGST के अधिकारियों का स्टिंग किया। एक्शन के लिए हमारी टीम ACB दफ्तर पहुंची तो एसीबी के आईजी ने सीबीआई के पास भेजा। CBI ने अपनी डिवाइस से फिर स्टिंग करवाया और उसकी जांच की। फिर शुक्रवार की शाम को सीजीएसटी दफ्तर में दोनों अधिकारियों को घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई ने 3 टीम बनाकर घेराबंदी की। टीम-ए में 7 अफसर थे, जो कारोबारी के साथ जीएसटी ऑफिस पहुंचे। टीम-बी में इंस्पेक्टर लेवल के 4 अफसर थे। जो आस-पास इलाके की निगरानी कर रहे थे। टीम-सी में 9 अफसर पूछताछ के लिए ही कार्यालय में इंतजार कर रहे थे। टीम ए ने घूस की रकम गाड़ी में रखने जाते वक्त इंस्पेक्टर को दौड़ाकर पकड़ा।