खून से सनी मोहब्बत: प्रेमिका ने प्रेमी की मां को मौत के घाट उतारा

 

मेरठ:  मंगलपांडे नगर में शुक्रवार रात बीच सड़क पर प्रेमिका ने प्रेमी की मां को चाकू से गोदकर मार डाला।  दरअसल आरोपी के महिला के बेटे से अवैध संबंध थे, जिससे वह बेहद नाराज थीं। वह अवैध संबंधों का विरोध करती थीं। बेटे से दूर रहने की हिदायत देती थीं। इससे आरोपी प्रेमिका नाराज थी। मूल रूप से पश्चिम बंगाल निवासी गया हलदर मेरठ के मंगलपांडे नगर की जेल चुंगी के पास राजीव गांधी नगर में किराए के मकान में परिवार के साथ रहते हैं। यहां पर छोटो-मोटा कारोबार कर अपना परिवार चलाते हैं। उनकी पत्नी दीपा उर्फ दीपाली भी नौकरी करती हैं। परिवार में विक्रम विपुल  प्रियंका और रिया  हैं। विक्रम और विपुल दोनों प्राइवेट काम करते हैं।

शुक्रवार शाम साढ़े छह बजे दीपा मंगलपांडे नगर में काम के लिए निकली थी। शाम को वह काम खत्म करने के बाद घर जा रही थीं। रास्ते में एकता पार्क के गेट के सामने सोनी पत्नी अमर सिंह निवासी राजीव गांधी नगर मिल गई। दोनों के बीच कहासुनी होने के बाद सोनी ने दीपा पर चाकू से वार कर दिया। दीपा ने एकता पार्क के गेट में घुसकर जान बचाने का प्रयास किया, लेकिन सोनी ने पीछाकर उन्हें पकड़ लिया। फिर पेट और शरीर के अन्य हिस्सों में चाकू से ताबड़ातोड़ वार कर दिए। दीपाली ने बचाव में शोर मचाया। जब तक लोग वहां पहुंचे तब तक दीपाली की मौत हो गई। वहीं भाग रही सोनी को लोगों ने पकड़ लिया।

एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि सोनी ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया है। सोनी ने पुलिस को बताया कि उसका दीपाली के बेटे विक्रम से दो साल से प्रेम संबंध चल रहा था। दीपाली इसका विरोध करती थी। उसने कई बार मुझे समझाया भी था। मगर मैंने इनकार कर दिया। मैं विक्रम से लगातार संपर्क में रही। उससे मिलना जुलना जारी था। इसी बीच दीपाली ने विक्रम का कहीं रिश्ता तय कर दिया। जब मुझे इसकी जानकारी हुई तो मुझे गुस्सा आ गया। मैं इस बीच विक्रम से मिली और दीपाली से भी मुलाकात हुई। तब मेरा दीपाली से विवाद हो गया। फिर मैं वहां से चली गई। मगर मैंने दीपाली को रास्ते से हटाने का मन बना लिया। मैं उसे मारने के लिए प्लानिंग करने लगी कि कैसे उसे रास्ते से हटाया जाए।

सोनी ने बताया कि मैं दो बच्चों के साथ राजीव गांधी नगर में किराए के मकान में रहती हूं। विवाद के चलते मेरा पति अमर सिंह से संबंध खत्म हो गया है। इसके बाद से मेरा दीपाली के बेटे से प्रेम संबंध हो गया। परिजनों को पता चला कि तो सभी ने मुझे समझाया। मगर बात हद से ज्यादा बढ़ गई थी। मैं विक्रम को किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहती थी। जब भी कोई मुझसे उसे छोड़ने की कहता तो मुझे गुस्सा आ जाता था।  मोहल्ले में कई लोगों से वह मेरे बारे में गलत बातें करती। मेरे चरित्र के बारे में गलत बोलती। जब मैं उससे पूछती ऐसा क्यों कर रही है तो वह मुझसे विक्रम से दूर रहने की बात कहती। उसकी बातों से मैं तंग का आ चुकी थी। इसलिए उसे मार दिया। उसने दीपाली की हत्या करने की योजना बनाई। इसके तहत उसने हत्या करने के तीन दिन पहले ही दुकान से चाकू खरीद लिया। उसने हत्या करने का स्थान दिन और समय भी तय कर लिया। दीपाली घर से कितने बजे निकलती और किन रास्तों से शाम को वापस आती है, इसकी रेकी की। इसके बाद उसने प्लानिंग के तहत उसकी हत्या कर दी। वह तीन दिन से साथ में चाकू लेकर घूम रही थी।

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