60 भारतीय यात्री कुवैत के एयरपोर्ट पर फंसे रहे। सभी मुंबई से इंग्लैंड के मैनचेस्टर जा रहे थे। यात्रियों ने गल्फ एयर पर आरोप लगाया है कि उन्हें इतने लंबे समय तक खाना-पानी, आवास के बिना रखा गया। भारतीय यात्रियों ने गल्फ एयर पर घटना के दौरान पक्षपात के आरोप भी लगाए। यात्रियों ने कहा कि घटना के दौरान सिर्फ UK, यूरोपियन यूनियन और US के यात्रियों को ही रहने और खाने के लिए सहायता दी गई, जबकि भारतीय, पाकिस्तान और दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के लोगों को कोई सहायता मुहैया नहीं कराई गई।
दरअसल, गल्फ एयर की फ्लाइट के इंजन में रविवार को अचानक खराबी आ गई थी, जिसके बाद फ्लाइट को डायवर्ट करके कुवैत एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। इसे ठीक होने में 24 घंटे से ज्यादा लग गए। यात्रियों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके अपनी परेशानी बताई। फंसे हुए यात्रियों ने लिखा कि वे एयरपोर्ट छोड़कर बाहर भी नहीं जा सकते थे, क्योंकि उनके पास ट्रांजिट वीजा नहीं था। भारतीय ऐंबैसी ने बताया कि कुवैत में चल रहे GCC समिट की वजह से एयरपोर्ट के होटल खाली नहीं थे। इस वजह से भारतीय यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
वहीं, ब्रिटिश और अमेरिकी पासपोर्ट रखने वाले लोगों के पास ट्राजिंट वीजा थे, इसलिए उन्हें बाहर जाने की अनुमति थी। ट्रांजिट वीजा कम वक्त के लिए मिलने वाला एक वीजा है। इसमें 2 से 3 दिनों तक किसी देश में रहने की अनुमति मिलती है। कुवैत में भारतीय दूतावास के वरिष्ठ अधिकारी ने बाद में यात्रियों को लॉन्ज में खाना मुहैया करवाया गया। ऐंबैसी के मुताबिक फ्लाइट ने सुबह करीब साढे 4 बजे उड़ान भरी। इस दौरान भारतीय अधिकारी वहां पर मौजूद रहे।