जेरेकोर में रविवार को एक फुटबॉल मैच के दौरान हिंसा में 100 लोगों की मौत हो गई। जेरेकोर फुटबॉल टीमों के बीच मैच चल रहा था। इस दौरान मैच रेफरी ने एक विवादित फैसला सुनाया, जिससे दोनों टीमों में लड़ाई होने लगी। झगड़ा होता को देख दर्शक भी मैदान में घुस गए और हिंसा शुरू कर दी। रिपोर्ट के मुताबिक लोगों ने एन’जेरेकोर के एक पुलिस स्टेशन में भी तोड़फोड़ की और आग लगा दी। स्थानीय अस्पताल के एक डॉक्टर ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए कहा- डोम्बौया ने राष्ट्रपति अल्फा कोंडे की सरकार को 2021 में गिरा दिया था और खुद सत्ता पर काबिज हो गए थे। अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण उन्होंने कहा था कि 2024 के अंत तक वे चुनाव कराएंगे, लेकिन अब तक चुनाव के आसार नहीं दिख रहे हैं।
डोम्बौया ने जनवरी में खुद को कर्नल से लेफ्टिनेट जनरल के पद पर प्रमोट कर लिया था। पिछले महीने उन्होंने खुद को गिनी का आर्मी जनरल घोषित कर दिया। डोम्बौया के कार्यकाल के दौरान विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया। जानकारों के मुताबिक डोम्बौया अगले साल चुनाव करा सकते हैं। डोम्बौया भी चुनाव में उतर सकते हैं। इसलिए वे अपनी पॉपुलैरिटी बढ़ाने के लिए देश के अलग-अलग हिस्से में फुटबॉल टूर्नामेंट आयोजित करा रहे हैं। साल 2022 में इंडोनेशिया में भी ऐसा ही हादसा हुआ था। तब एक फुटबॉल मैच के दौरान भगदड़ मचने से 174 लोगों की मौत हो गई थी।
इस हादसे में 2 पुलिसकर्मियों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी थी। मैच के दौरान एक टीम के हारने के बाद उसके फैंस मैदान में घुस गए थे। इस भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे। मैच अरेमा फुटबॉल क्लब और पर्सेबाया सुरबाया के बीच था। मैच के दौरान करीब 42 हजार दर्शक स्टेडियम में मौजूद थे। ये सभी दर्शक अरेमा फुटबॉल क्लब के फैंस थे। आयोजकों ने पर्सेबाया सुरबाया के फैंस के आने पर रोक लगाई थी, क्योंकि वे किसी भी तरह के उपद्रव से बचना चाहते थे।