भ्रष्टाचार की रिपोर्ट देने वाले पत्रकार की हत्या, सेप्टिक टैंक में मिली लाश

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या से देश के पत्रकारों में गम और गुस्सा है. छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर का पहले गला घोंटा गया। बाद में सिर पर कुल्हाड़ी मारी। इस हमले से मुकेश के सिर पर ढाई इंच गड्ढा हो गया। हत्या के बाद मुकेश की लाश बैडमिंटन कोर्ट कैंपस में बने सेप्टिक टैंक में फेंक दिया और टैंक को 4 इंच कंक्रीट से ढलाई करके पैक कर दिया गया। बीजापुर में हुई इस हत्या के बाद पत्रकारों में आक्रोश है। उन्होंने बीजापुर नेशनल हाइवे-63 पर चक्काजाम कर दिया है, जो करीब 4 घंटे से जारी है। उनका शव बीजापुर की चट्टानपारा बस्ती में सड़क ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के फार्म हाउस के सेप्टिक टैंक में मिला.

वे 1 जनवरी से गायब थे और उनके मोबाइल की लास्ट लोकेशन उसी फार्म हाउस की थी. पत्रकार मुकेश चंद्राकर अपनी साहसी पत्रकारिता के लिए जाने जाते थे. वे नक्सलियों के गढ़ में जाबांजी के साथ खबरों को सभी के सामने लेकर आते थे. मुकेश चंद्राकर एक बड़े मीडिया संस्थान से जुड़ने के साथ खुद का भी यूट्यूब चैनल चलाते थे. उनके चैनल पर डेढ़ लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं. उनकी तेज-तर्रार पत्रकारिता से कई पीड़ितों को इंसाफ मिला. उनकी पत्रकारिता उस समय चर्चा में आई जब वह नक्सलियों के चंगुल से एक सीआरपीएफ जवान को बचाकर ले आए थे.

उस दौरान पूरे देश ने मुकेश चंद्राकर के जज्बे और उनकी साहसिक पत्रकारिता को सराहा था. पत्रकार मुकेश चंद्राकर बीजापुर के रहने वाले थे. वह नक्सलियों और स्थानीय समस्याओं पर रिपोर्टिंग करते थे. उन्होंने भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी पर भी कई स्टिंग ऑपरेशन किए. बीते दिनों उन्होंने एक सड़क निर्माण में हुए घोटाले को उजागर किया था. मुकेश नक्सलियों के बीच भी पत्रकारिता किया करते थे. उन्होंने अपनी पत्रकारिता के दम पर एक सीआरपीएफ जवान को नक्सलियों के चंगुल से छुड़ाया था. साल 2021 में नक्सली हमले में 23 जवान शहीद हुए थे. इस बीच नक्सली एक जवान को अगवा कर ले गए थे. जब इसकी जानकारी मुकेश को हुई तो उन्होंने नक्सलियों से बातचीत की. वह नक्सलियों से आग्रह कर जवान को अपनी बाइक पर बैठा लाए थे.

जाबांज पत्रकार मुकेश चंद्राकर एक जनवरी से गायब थे. उनका मोबाइल भी स्विच ऑफ जा रहा था. मुकेश का शव 3 जनवरी को सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ. घटनास्थल एक फार्म हाउस है, जो ठेकेदार सुरेश चंद्राकर का है. आरोप है कि मुकेश चंद्राकर ने सुरेश द्वारा निर्माण कराई जा रही सड़क में हुए भ्रष्टाचार की पोल खोली थी. मुकेश के भाई युकेश चंद्राकर का आरोप है कि इसी से नाराज होकर ठेकेदार सुरेश और उसके भाई ने मुकेश की हत्या कर दी. पुलिस ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं. आरोपी सुरेश के भाई सहित तीन लोगों को पुलिस ने दिल्ली से हिरासत में लिया है. पुलिस ने उन्हें बीजापुर लेकर आई है. उनसे पूछताछ की जा रही है.

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