खानकाहे हुसैनिया कलीमिया में परचम कुशाई की रस्म से हुआ सालाना उर्स का आगाज।
सज्जादा नशीन ने मुल्क में अमन व खुशहाली के लिए सामूहिक दुआ की।
रविवार की प्रात: बाद नमाज ए फजर खानकाहे हुसैनिया कलीमिया में कुरान ख्वानी की महफिल संपन्न हुई।जिसमें आलिमे दीन व कुरान हाफिज अकीदतमंद जायरीनों ने बड़े अदबो एहतराम के साथ शिरकत की।सज्जादा नशीन हजरत सैय्यद मसऊद अहमद कलीमी चिश्ती कादरी ने फातेहा ख्वानी में मुल्क व कौम की खुशहाली व मुल्क में अमन कायम करने की सामूहिक रूप से दुआ करते हुए आपस में प्रेम मोहब्बत भाईचारे कायम करने की सामूहिक रूप से दुआ की।वाद कुरानख्वानी के खानकाह में परचम कुशाई परंपरागत ढंग से रस्म अदा की गई।सज्जादा नशीन ने परचम कुशाई करते हुए सालाना उर्स का आगाज किया और पश्चिम बंगाल, बिहार, आदि दूसरे प्रांतों से आए बेशुमार अकीदत मंद जायरीनो ने परचम कुशाई की रस्म में शिरकत करते हुए कलीमी चमन सर शब्द व शादाब बनाए रखने के लिए दुआ की गई। इस दौरान खानकाहे हुसैनिया कलीमियां के सज्जादा नशीन के साथ अकीदत मंद जायरीनों ने अपने पीरओ मुर्शिद की शान में नारा बुलंद करते हुए हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए और परचम कुशाई के बाद जश्ने ईद मिलादुन्नबी का मशहूर प्रोग्राम हुआ। जिसमें दूर-दराज से आए आलिमे दीन ने रसूले अरबी मदनी सरकारे दो आलम की सीरत बयान की और सज्जादा नशीन ने जायरीन को रसूले अरबी सरकारे दो आलम के बताए हुए रास्ते पर चलने का आवाहन करते हुए रसूले अरबी की शिक्षाओं को अपना जीवन आदर्श बनाने के निर्देश दिए। खानकाह में महफिले समा कव्वाली का प्रोग्राम पेश करते हुए कव्वालों ने रूह परवर आरिफाना कव्वाली से समा बांध दिया। इस दौरान पीर ओ मुर्शिद से निस्बत रखते हुए कव्वालो ने मशहूर फारसी के शायर हजरत अमीर खुसरो रहमतुल्ला अ0 के कलाम को पेश किया।जिस पर नज़राना पेश करने के लिए जायरीनो की भीड़ उमड़ पड़ी। और महफिले समा में नगर व क्षेत्र सहित दूसरे प्रांतों से आए बेशुमार जायरीनों ने बड़े अदबो एहतराम के साथ शिरकत की।