डिग्री के बिना बड़े पैमाने पर चल रही है मेडिकल प्रेक्टिस!

डिग्री के बिना बड़े पैमाने पर चल रही है मेडिकल प्रेक्टिस!

(तो क्या स्वास्थ्य विभाग की मिलीभत से चल रहे फर्जी मेडिकल)

शाहजहाँपुर-०८ मार्च २०१९!
(न्यूज़ वाणी से इमरान सागर)

उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर जिला स्थित हजारो की संख्या में फर्जी मेडिकल स्टोर्स संचालित हैं!

डिग्री और लाईसेंस को बिना ही जनपद भर के क्षेत्रो में चल रहे मेडिकल स्टोर्स, बड़े पैमाने पर खुलेआम मरीजो का ईलाज कर रहे हैं!

क्षेत्र भर में चल रहे मेडिकल स्टोर्स स्वामियों के पास बी फार्मा या डी फार्मा ही नही बल्कि दवा बेचने बेचने का सरकारी प्रमाण तक नही है और वे अपनी दुकानो पर बड़े पैमाने पर मरीजो का ईलाज कर रहे हैं! स्वास्थ्य विभाग इतनी बड़ी लापरवाही जनमानस के जीवन से इस तरह खिलबाड़ करा रही है तो क्या स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से चल रहे हैं फर्जी मेडिकल और थैला छाप डॉक्टर!

जिले की सबसे बड़ी तहसील तिलहर अन्तर्गत ग्राम बीरमपुर स्थित आधादर्जन से अधिक डॉक्टर के रूप में बैठे दवा स्वामी अपनी दुकानो पर बड़े पैमाने पर खुलेआम मरीजो का ईलाज ही नही कर रहे बल्कि दुकानो के पीछे बने घरो में नर्सिंग होम की तर्ज पर बड़े से बड़ा आपरेशन तक कर रहे हैं! गावं एंव आसपास क्षेत्र में बंगाली डॉक्टर के नाम से प्रसिद्ध डॉक्टर अपनी दुकान के पीछे घर में तीन बैड का नर्सिंग होम के रूप में अस्पताल चला रहे हैं!

जहाँ ग्रामीण क्षेत्रो में बड़े पैमाने थैला छाप डॉक्टरी अपना बजूद बना रही है तो वही कस्वा और नगर क्षेत्र भी अछूते नही रह पा रहे हैं जबकि अनेको शिकायतो के चलते छापामारी अभियान विभागीय स्तर पर रकम बसूल कर जिला प्रशासन की आँखो में धूल झोक रहा है!

सूत्रो की माने तो गावं बीरमपुर स्थित बंगाली के रूप में प्रसिद्ध डॉक्टर विकास मंण्डल लगभग १५ वर्षो से बड़े पैमाने पर मरीजो का इलाज तो कर रहे हैॉ लेकिन उनके पास डिग्री के नाम पर किसी प्रकार का कोई सरकारी प्रमाण नही है! इतना ही इसके अलावा और भी अनेको डॉक्टरो का यही आलम है जो कि किसी डिग्री के बिना मेडिकल संचालन के साथ बेखौफ मरीजो का इलाज कर धन उगाही का कारोबार से मानव जीवन का खिलबाड़ कर रहे हैं!

इससे पूर्व तहसील तिलहर के थाना गढ़िया रंगीन का मामला भी सामने आया जहाँ अनगिनत चल रहे फर्जी मेडिकल स्टोर्सो पर बड़े पैमाने पर मरीजो की संघन चिकित्सा तक चलती देखी गई और अनेको स्तर से इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी गई परन्तु कार्यवाही के नाम पर ढ़ाक के तीन पात! इस लिए बैखौफ फर्जी मेडिकल चलाने व उन पर बिना डिग्री मरीजो का इलाज करने वाले सरेआम सेवास्थ्य विभाग पर आरोप लगाते हुए बोलते हैं कि विभाग को महावार मोटी रकम देकर ही सबकुछ करते हैं, तो क्या स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से ही चल रहे हैं मेडिकल स्टोर्स और उन पर मरीजो के इलाज के रूप में उनके जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं!

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