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ऑनलाइन क्लास से ऑनलाइन ठगी तक: स्कूल संचालक की दोहरी जिंदगी का पुलिस ने किया पर्दाफाश

 

दक्षिण-पश्चिमी जिला पुलिस के साइबर थाना टीम ने राजस्थान के सीकर से एक स्कूल संचालक को गिरफ्तार किया है। स्कूल संचालक ने ऑनलाइन निवेश के नाम पर महिला से 29 लाख रुपये की ठगी को अंजाम दिया था। आरोपी 44 वर्षीय चोथमल सैनी को पुलिस कई साल से तलाश कर रही थी, उस पर जिले में पहले भी दो ठगी के मामले दर्ज हैं। चोथमल सैनी के पास से पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल मोबाइल बरामद किया है। आरोपी ने बताया कि कोविड काल में वह घाटे में चला गया था, जिसके बाद वह साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देने लगा।

पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने बताया कि साइबर थाना पुलिस को पीड़ित एसश्रीवास्तव ने अपने साथ ठगी की शिकायत दी। उन्होंने शिकायत में बताया कि आरोपियों ने उन्हें व्हाट्सएप के माध्यम से एक वेबसाइट की जानकारी दी। यह वेबसाइट पार्ट-टाइम जॉब उपलब्ध कराने के साथ ही ऑनलाइन निवेश में मदद करती थी। पीड़ित ने आरोपियों द्वारा दिए गए खातों में निवेश के नाम पर पैस जमा करना शुरू किया।
पीड़िता जितना पैसा जमा करती वेबसाइट पर मौजूद उसके अकाउंट में वह पैसा दिखाई देता। पीड़ित ने कुल 29 लाख रुपए जमा किए, जो लाभ के बाद कई करोड़ में बदल गया। लेकिन जब पीड़िता ने वेबसाइट पर मौजूद अपने अकाउंट से पैसा निकालने की कोशिश की तो वह पैसा नहीं निकाल सकी। जिसके बाद उसे अपने साथ ठगी होने की जानकारी हुई। पीड़ित ने तुंरत पुलिस को सूचना दी। इंस्पेक्टर प्रवेश कौशिक की टीम ने केस दर्ज कर जांच शुरू की।
होटल में बैठ कर रह रहे थे ठगी
पुलिस ने आरोपियों की तकनीकी निगरानी, डिजिटल फुटप्रिंट और मनी ट्रेल का विश्लेषण किया। जिससे पता चला कि आरोपी जिस व्हाट्सएप का इस्तेमाल कर रहे थे वह फर्जी पहचान पर लिए गए नम्बर थे। आरोपियों ने पूरे भारत से करंट अकाउंट चला रहे लोगों से कमीशन के आधार पर उनके अकाउंट किराए पर लिए थे। जिनमें पीड़िता से पैसा जमा कराए गए थे। पुलिस की जांच में सामने आया कि सभी खाताधारकों को जयपुर व सीकर के अलग अलग होटलों में बुलाया गया था। पुलिस ने राजस्थान के विभिन्न जिलों में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान सीकर से पुलिस ने चोथमल सैनी को वारदात में इस्तेमाल मोबाइल के साथ गिरफ्तार किया।
कोविड के दौरान घाटे में आया तो करने लगा साइबर ठगी
आरोपी चोथमल सैनी ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि उसे अपना स्कूल चलाने के लिए पैसे की जरूरत थी क्योंकि वह कोविड काल से घाटे में था और कमीशन के आधार पर धोखेबाजों को बैंक खाता उपलब्ध कराता था। संदिग्ध ठगी की गई राशि/भुगतान को विभिन्न खातों में जमा करवाते हैं और भुगतान को नकद में लेते हैं। पुलिस आरोपी की निशानदेही पर अब उसके अन्य साथियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयाा कर रही है।

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