हमारा काम दुनिया में मुहब्बत बाँटने का है-हसन!
(न्यूज़ वाणी से अनुराग अग्रवाल)
शाहजहाँपुर/तिलहर:-उर्दू साहित्य की जुँवा से निकली शायरी देर रात श्रोताओं को तालियाँ बजाने पर मजबूर करती रही!
नगर स्थित शायर साजिद सफदर के आवास पर जावेद राईन की सदारत मेम नशिस्त मुशायरे का आयोजन किया गया! देर रात तक चले मुशायरे में शायर उवैस शिफा ने उर्दू अल्फाजो़ के माध्यम से याद दिलाया कि-कौम करती है फरामोश जो, क़ानून-ए-ख़ुदा,,
हुक्मराँ उसपे वो, ज़ालिम को बना देता है!!अंधविश्वास ही, बिदअत को हवा देता है!!वो तो पत्थर को भी, भगवान बना देता है-जर्रार तिलहरी!
नौजबान शायर वाजिद हुसैन वाजिद ने माथे की गहरी लकीरो को समझते हुए कहा कि-उसके माथे की लकीरों से पता चलता है,
वो बहुत तल्ख़ तजुर्बात से गुजरा होगा!! हैं हम उर्दू ज़ुबाँ वाले हमे, नफ़रत न सिख्लाओ,,
हमारा काम दुनिया में मोहब्बत बाँटने का है!! हसन तिलहरी ने कहा! वुजुर्ग शायर हमीद तिलहरी ने कहा कि-रंग आज दीदनी है, गुन्हेगार-ए-इश्क़ का,आँखों में रुए यार है,रुख सूए दार है!! सदारत के रंग में रंगे युवा शायर जावेद राईन नें बोले कि-दर्द दिल का मेरे, अश्कों में उभर आएगा,,तब कहीं जाके दुआओं में, असर आएगा!!
देखा जो हुस्ने यार, मेरे दिल ने ये कहा,,ऐसा हसीन कोई, सितमगर न आएगा!!-डा०रेहान “ताविश”
कहीं आग अबके, भड़क ही न जाये,,चरागो से उलझी, ये पागल हवा है!!-रईस “मन”! हो रहनुमा वतन के, सताते हो इस तरह,
मज़हब को दरमियाँ,कोई लाया नहीं हूँ!!-शोईद खैरपुरी!
देर रात चले कार्यक्रम में शमशाद आतिफ, साजिद सफदर,अजीम अख्तर, इमरान साहिल, वहीद तिलहरी आदि शायरो ने भी अपने कलाम पेश किए!