एस॰एस॰ काॅलेज में महिला उद्यमिता पर चल रहे सेमीनार में पाँच महिला उद्यमी की गईं सम्मानित।

एस॰एस॰ काॅलेज में महिला उद्यमिता पर चल रहे सेमीनार में पाँच महिला उद्यमी की गईं सम्मानित।

शाहजहांपुर:-जनपद के प्रतिष्ठित एस॰एस॰ काॅलेज के वाणिज्य विभाग में रोटरी क्लब शाहजहाँपुर के सहयोग से महिला उद्यमिता पर चल रही तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार का समापन स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि साकेत महाविद्यालय, अयोध्या के एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ॰ अशोक कुमार मिश्रा तथा विशिष्ट अतिथि राजकीय महाविद्यालय ऋषिकेश के डाॅ॰ बी॰एन॰ गुप्ता थे कार्यक्रम का शुभारम्भ स्वामी शुकदेवानन्द सरस्वती जी तथा स्वामी धर्मानन्द सरस्वती जी के चित्रों के समक्ष दीप प्रज्जवलन तथा पुष्पांजलि से हुआ। कु॰ सौम्या पाण्डेय और कु॰ शिवांशी सक्सेना ने चन्दन तिलक और पुष्पगुच्छ भेंट करके अतिथियों का स्वागत किया। डाॅ॰ के॰के॰ वर्मा, डाॅ॰ मनीष कुमार, डाॅ॰ विजय तिवारी, डाॅ॰ अजय वर्मा और जागृति गुप्ता ने बैज लगाकर अतिथियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर बी॰काॅम॰ की छात्रा आँचल धूसिया और सुबी निगहत ने अपने विचार रखते हुए भारतीय महिलाओं को अपार शक्ति तथा क्षमतावान बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय युवतियां न केवल व्यवसाय के क्षेत्र में अपितु देश की रक्षा के लिए सैन्य क्षेत्र में भी आने को तत्पर हैं।
कार्यक्रम में जनपद की पाँच महिला उद्यमियों श्रीमती अनुभा मेहरोत्रा, श्रीमती सरिता अग्रवाल, श्रीमती सुनीता गर्ग, श्रीमती नीलम गुप्ता और श्रीमती वसु गोयल को स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती ने अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह एवं सम्मान-पत्र प्रदान करके सम्मानित किया।
तकनीकि सत्रों में सर्वश्रेष्ठ शोध-पत्र पढ़ने वाली 6 छात्राओं कु॰ सुबी निगहत, कु॰ आँचल धूसिया, कु॰ सृष्टी कंचन, कु॰ गायत्री गुप्ता, कु॰ अमृता गुप्ता और कु॰ रोमा को भी मैडल और प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
डाॅ॰ अनुराग अग्रवाल के संचालन में हुए कार्यक्रम में बोलते हुए स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती ने कहा कि भारत की महिलाएं अवला से सवला बनने की दिशा में हैं। वर्तमान सरकार महिलाओं के आर्थिक-सामाजिक विकास और अधिकारों के प्रति अत्यधिक सचेत है। उन्होंने कहा कि देश के वित्तीय मामलों में महिलाओं की भूमिका बढ़ाई जानी चाहिए क्योंकि महिलाएं अपेक्षाकृत कम खर्चीली और अधिक कुशल उद्यमी होती हैं। मुख्य अतिथि डाॅ॰ अशोक मिश्रा ने कहा कि महात्मा गाँधी की आर्थिक आत्मनिर्भरता का मूल आधार महिलाएं ही थीं। उन्होंने गाँव-गाँव में घरेलू या कुटीर उद्योगों की कल्पना की थी जो मुख्यतः महिलाओं द्वारा संचालित होते थे। वर्तमान में यद्यपि भारतीय महिलाएं राष्ट्रीय स्तर से अन्तराष्ट्रीय स्तर तक विभिन्न उद्यमों का संचालन कर रहीं हैं किन्तु इनकी संख्या स्त्री जनसंख्या के अनुपात में काफी कम है। अतः महिलाओं को प्रेरित किये जाने की आवश्यकता है। विशिष्ट अतिथि डाॅ॰ बी॰एन॰ गुप्ता ने कहा कि भारत में महिला उद्यमिता विकास के पर्याप्त अवसर हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयां को अपने पाठ्यक्रम में महिला उद्यमिता को प्रथक से विशिष्ट स्थान देना चाहिए ताकि छात्राओं को अध्ययन काल के मध्य ही भावी सम्भावनाओं और योजनाओं की पर्याप्त जानकारी तथा ज्ञान प्राप्त हो सके। इस अवसर पर आई॰एम॰ई॰सी॰ रूद्रपुर के निदेशक दिल्ली विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रो॰ बी॰एस॰ मोशाल ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि महिलाएं मनोवैज्ञानिक रूप से मानव व्यवहार को समझने में अधिक सशक्त होती हैं तथा उनका आचरण का केन्द्र बिन्दु लक्ष्य प्राप्ति होता है। इसलिए यदि रूढ़िवादिता और परम्परावाद से हटकर महिलाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में अवसर दिया जाये तो देश का तीव्र आर्थिक विकास हो सकता है। अन्त में डाॅ॰ देवेन्द्र सिंह और डाॅ॰ गौरव सक्सेना ने मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेट किया जबकि डाॅ॰ ए॰के॰ मिश्रा ने रोटरी क्लब शाहजहाँपुर तथा सेमीनार में सहभागिता करने वाले समस्त छात्र-छात्राओं और विद्वानों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में रो॰ ललित गर्ग, रो॰ सुमन चन्द्र गुप्ता, रो॰ अतुल मेहरोत्रा, रो॰ रोहित गोयल, रो॰ अजय शर्मा, रो॰ अशोक खन्ना, रो॰ जय अग्रवाल, रो॰ सुनील शर्मा, रो॰ (डाॅ॰) गौरव कौशल के अतिरिक्त डाॅ॰ पंकज भार्गव, डाॅ॰ नमिता सिंह, डाॅ॰ विवेक कुमार, डाॅ॰ सन्तोष प्रताप सिंह, डाॅ॰ सचिन खन्ना, डाॅ॰ अभिजीत मिश्रा व तमाम शिक्षक मौजूद रहे ।

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