सिलेंडर,पानी व बिजली मुफ्त दे सरकार: किशोर उपाध्याय।

सिलेंडर,पानी व बिजली मुफ्त दे सरकार: किशोर उपाध्याय।
दिनेश कुमार

रुड़की शुरु हुआ जनांदोलन
रुड़की -प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड की खनिज संपदा व जल,जंगल जमीन पर उत्तराखंड के लोगो का हक है जो उन्हें नही मिल रहा है।उन्होने उत्तराखंड के लोगो को पानी,बिजली व गैस सिलेंडर मुफ्त दिए जाने की मांग की है।यहां रुड़की के शिवाजी कालोनी स्तिथ धर्मशाला में वरिष्ठ उत्तराखंड राज्य आंदोलन कारी हर्ष प्रकाश काला की अध्यक्षता व श्रीगोपाल नारसन के संयोजन में आयोजित एक विचार गोष्ठी में किशोर उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड राज्य बनने का सपना कड़े संघर्षों के बाद पूरा हो पाया जिसे बने 19 साल हो गए है लेकिन अभी तक उत्तराखंड के लोग अपने हको से वंचित है।उन्होंने माना कि उत्तराखंड के जल,जंगल,जमीन पर उत्तराखंड के लोगो का हक हो ,इसके बिना यह सपना अधूरा है। उत्तराखंड राज्य निर्माण के वरिष्ठ आंदोलनकारी एवम प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय उत्तराखंड के हित से जुड़े व लोगो की जनभावनाओं से जुड़े मुद्दे हल न हो पाने व उन्हें उनका वास्तविक हक न मिलने पर आज से उक्त मामलों को लेकर आंदोलन का आव्हान किया है।
श्रीगोपाल नारसन ने बताया कि यह आंदोलन पूरी तरह से गैर राजनीतिक रहेगा और उत्तराखंड के आम और खास सभी लोगो को साथ लेकर इस बाबत आंदोलन रूपी आवाज उठाई जाएगी।।अध्यक्षता कर रहे राज्य निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष हर्ष प्रकाश काला ने किशोर उपाध्याय द्वारा शुरू किए गए जनमुद्दों से जुड़े इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया और यह लड़ाई तन मन धन से लड़ने की घोषणा की। म ढंढेरा के शिवाजी कालोनी धर्मशाला में आयोजित इस विचार गोष्ठी में वरिष्ठ अधिवक्ता ताराचंद सैनी,नरेन्द्र सिंह,सलीम खान,जीवानन्द बुडाकुटी,विजय सिंह पंवार, राकेश भट्ट,शिवचरण विजोला,मायाराम, हेमन्त,डीबी थापा,आनन्द सिंह ,परशुराम सकलानी आदि मौजूद रहे।विचार गोष्ठी में किशोर उपाध्याय के सामने यह मुद्दा भी उठाया गया कि किसानों को अपनी ही जमीन की मिट्टी उठाने का हक नही है। अपने ही द्वारा लगाए गए पेड़ो को जरूरत पड़ने पर काटने का हक नही है। इस गोष्ठी में समाजसेवियों,राज्य आंदोलनकारियों व राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओ को बगैर दलगत आधार के गैर राजनीतिक रूप में उत्तराखंड की जनसमस्याओं पर विचार करके और इसे एक आंदोलन के रूप में आगे बढाने का निर्णय करके सार्थक पहल की है।

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