पशु आश्रय स्थल बनने के बाद भी छुट्टा जानवरों से निजात नहीं पा रहें किसान।

पशु आश्रय स्थल बनने के बाद भी छुट्टा जानवरों से निजात नहीं पा रहें किसान।

•सड़कों पर टहलते आवारा पशुओं से यात्रियों व स्कूली बच्चों
को हो रही परेशानी

दिनेश तिवारी

शुकुल बाजार ,अमेठी। क्षेत्र के ग्राम पंचायत मवैया रहमतगढ़ में भले ही विकासखंड के अस्थाई पशु आश्रय गृह का निर्माण कराकर भले ही क्षेत्रीय लोगों को आवारा पशुओं से निजात दिलाने के कदम उठाए गए हैं परंतु लचर व्यवस्था के चलते आवारा पशु अभी भी कस्बे के रामलीला मैदान एवं सड़कों पर टहलते नजर आ रहे हैं इतना ही नहीं अगल-बगल के क्षेत्र के किसानों को भी इन आवारा पशुओं ने दर्द बढ़ा रखा है और उनकी फसल को चट कर रहे हैं भले ही लाखों रुपए खर्च कर अस्थाई पशु आश्रय बनाया गया हो परंतु उसकी उपयोगिता अच्छी तरह से प्रदर्शित नहीं हो पा रही है जिन पशुओं को पशु आश्रय गृह में रखा गया वह भी ऐन केन प्रकारेण वहां से निकल कर बाहर टहल रहे हैं इसके अलावा अन्य पशु भी कस्वे से लेकर अलग-अलग मार्गों पर टहलते नजर आ रहे हैं जिसको लेकर किसान अच्छा खासा परेशान हैं एक ओर नील गायों से जहां लोग परेशान थे वही आवारा पशुओं से किसानों को परेशानी हो रही है नीलगाय भले ही रिहायशी इलाकों में न पहुंच पा रहे हो परंतु यह आवारा पशु लोगों के घरों दरवाजों एवं सड़कों पर खड़े होकर लोगों की जान को जोखिम में डाल रहे हैं इस संबंध में खंड विकास अधिकारी अबू बकर का कहना है कि पशु आश्रय स्थल पर पशुओं की टैगिंग कराई गई है जिसमें करीब 160 पशु चिन्हित हैं परंतु दर्जनों की संख्या में सड़कों पर टहल रहे आवारा पशु इस बात को बयां कर रहे हैं कि अभी भी इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है जिसको लेकर किसान चिंतित हैं और जिला अधिकारी अमेठी से मांग की है कि सड़कों पर टहल है आवारा पशुओं को वन विभाग के सहयोग से पशु आश्रय स्थल पहुंचाया जाए जिससे किसान की जान जोखिम में न पड़े और न ही उनकी कृषि को नुकसान पहुंच सके।

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