छापेमारी, वेतन से अधिक पैसा अर्जित करने की बना तकनीक़!
शाहजहाँपुर:उ०प्र०:८ सितम्वर!
(न्यूंज़ वाणी ब्यूरो इमरान सागर)
ग्रामीण क्षेत्रो में ही नही बल्कि नगर स्तर पर शहर की मुख्य बाजारो में भी, सारे नियम ताक पर रख कर बिक रही है दवाएें लेकिन जिला स्तर की स्वास्थ्य विभाग की कभी उस ओर नही देखती लेकिन जब जिसका महीना नही पहुंचता, उस छापेमार कार्यवाही का ढ़ोल पीट मीडियां की सुर्खियाँ जरूर बटोरता है!
बताया जाता है कि एक लाख से अधिक का वेतन प्रति व्यक्ति पाने वाली स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जब कभी छापेमारी की सूचना आग तरह फैलती है तो फर्जी और बिना लाईसेंस के प्रतिबन्धित दवाएें तक बिक्री करने वाले व्यसायी दुकानो का शटर गिरा कर रफूचक्कर हो जाते हैं और टीम किसी एक को रत्तीभर दवाई मिलने के नाम पर अपना शिकार बना लेती है और मोटी रक़म की मांग पूरी होने पर उसे रफा दफा कर देती है!
सूत्र बताते हैं कि हाल ही में जिले के मीरानपुर कटरा कस्वा में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापे मारी कर भारी मात्रा में प्रतिबन्धित दवाईयाँ जब्त की, जबकि उक्त दवा बिक्रेता ने लगभग एक वर्ष पूर्व ही काम शुरु किया था! पकड़े गये उक्त दवा बिक्रेता को बचाने के लिए दर्जनो लोगो ने पांच लाख तक ऑफर किया गया परन्तु सौदा नही पटा और उसे जेल जाना पड़ पड़ गया! पकड़े गये दवा बिक्रेता पर गंभीर धाराएें व अनेको लोगो की सिफारिश सिर्फ इस लिए नाकाम रही क्यूंकि जिला स्तर से लेकर स्थानीय स्तर के बंटबारे में पांच लाख काफी कम हो रहे थे!
सूत्र यह भी बताते है कि क्षेत्र में दर्जनो मेडिकल, तथा डॉक्टरी क्लीनिक एैसे चल रहे हैं जिनके पास डिग्री व प्रमाण पत्र तक नही हैं और तमाम शिकायतो के बाद भी स्वास्थ्य विभाग कोई कार्यवाही नही करता क्यूंकि उन सबसे महीना बंधा होने के कारण अधिकारीगंण उधर से गुजरने की हिम्मत तक नही करते! इस लिए माना जाता है कि बिना लाईसेंस दवा व्यवसाय, प्रतिबन्धित दवाओं की बिक्री एंव फर्जी(थैला छाप) डॉक्टरो को स्वास्थ्य विभाग पूरा सरंक्षण दे रहा है! भाजपा की ईमानदार सरकार में स्थानीय स्तर पर छापेमारी को वेतन से अधिक पैसा अर्जित करने की तक़नीक बना लिया!