जैन मतावलंबी भक्ति में सराबोर होकर भगवान के पूजन मैं लगे।

जैन मतावलंबी भक्ति में सराबोर होकर भगवान के पूजन मैं लगे।

इटावा न्यूज़ वाणी ब्यूरो ( संजीव शर्मा )आत्मशोधन का पर्व-पर्युषण पर्व दिगंबर जैन धर्म में सभी जगह मनाया जा रहा है शहर के मध्य स्थित सराय शेख जैन मंदिर मे भी जैन मतावलंबी भक्ति में सराबोर होकर भगवान के पूजन मैं लगे हुए हैं, इस पर्व के छठवें दिन उत्तम संयम धर्म मनाया गया जिसमें शहर के सभी जैन मंदिरों में भगवान के आगे धूप खेली गई।श्री आदिनाथ युवा सेवा समिति के संगठन प्रतिनिधि रजत जैन में संयम धर्म पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यहां हम धर्म का अर्थ कर्त्तव्य से ले रहे हैं, वैसे धर्म एक नानार्थक शब्द है। धर्म शब्द विचारधारा के अर्थ में भी प्रचलित है, यथा -जैन धर्म, बौद्ध धर्म, यहुदी धर्म, सिख धर्म इत्यादि,संयम शब्द इन दिनों काफी चर्चित है। हर आदमी या मुल्क एक दूसरे को संयम बरतने की सलाह दे रहा है। पुजारी विमल किशोर जैन ने कहा कि लक्ष्यव्युत्पत्ति की दृष्टि से संयम दो शब्दों का योग सम+यम। सम उपसर्ग है जिसका अर्थ है सम्यक तथा यम का अर्थ है नियंत्रण। अर्थात सम्यकयमों व संयमः समीचीन/ समुचित ढंग से मनोजय/मोहक्षय संयम है। विश्व जैन संग़ठन के अध्यक्ष आकाशदीप जैन बेटू ने कहा धूप दशमी का दिगंबर जैन धर्म में काफी महत्‍व है महिलाएं हर वर्ष इस व्रत को करती हैं। धार्मिक व्रत को विधिपूर्वक करने से मनुष्य के सारे अशुभ कर्मों का क्षय होकर पुण्‍य की प्राप्ति होती है तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही सांसारिक दृष्टि से उत्‍तम शरीर प्राप्‍त होना भी इस व्रत का फल बताया गया है। सुगंध दशमी के दिन हिंसा, झूठ, चोरी, कुशील, परिग्रह इन पांच पापों के त्‍याग रूप व्रत को धारण करते हुए चारों प्रकार के आहार का त्‍याग, मंदिर में जाकर भगवान की पूजा, स्‍वाध्‍याय, धर्मचिंतन-श्रवण, सामयिक आदि में अपना समय व्‍यतीत करने का महत्व है। अभिषेक पूजन के कार्यक्रम में मुख्य रूप से नीरज जैन,विमल जैन,अजित जैन,सचिन जैन,जय प्रकाश जैन,रमेश जैन,सिद्धांत जैन,अमित जैन,अभिषेक जैन, आदि लोग मौजूद रहे। मीडिया प्रभारी प्रशान्त जैन ने बताया कि प्रतिदिन शाम मंदिर मे सांकृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है जिसमे समाज की महिला बच्चे बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं।

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