दबंगों के डर से गांव छोड़कर पलायन करने को मजबूर परिवार, शिकायत करने पर भी नहीं हुई कोई कार्यवाही।
ऊंचाहार रायबरेली ब्यूरो
भारत देश आजाद हुए आज पचास साल से भी ज्यादा हो गए गए हैं लेकिन कुछ गरीब व मजलूम परिवार आज भी गुलामी की जंजीरों में बंधे हुए हैं । आज भी गांव में हिटलर शाही देखने को मिल रही है। यदि गुलामी नहीं किया तो छोड़कर जाना पड़ेगा गांव। ऐसा ही एक मामला ऊंचाहार कोतवाली क्षेत्र के ग्राम पूरे अभिमान सिंह मजरे अरखा में देखने को मिला है। जहां के निवासी रामहर्ष पुत्र झुरी प्रसाद रविवार को कोतवाली में शिकायती पत्र देते हुए गांव के ही दो सगे भाइयों पर आरोप लगाया है कि उसे गांव में रहने नहीं दिया। जा रहा है। यदि उनका बताया हुआ कोई भी काम मुफ्त में करो तो ठीक अन्यथा गांव छोड़कर भागना पड़ेगा पीड़ित ने बताया कि इसके पूर्व भी कई बार दबंग उसे पीट चुके हैं। तथा उनके भय से गांव छोड़कर भागना पड़ा है एवं छः माह से वह घर छोड़कर दर बदर की ठोकरें खा रहा है। यहां तक की दुकान भी नहीं खोल पा रहा है। बीते 31 अगस्त को जब वह हिम्मत कर के घर गया और रोजगार के लिए घर से अपना सामान निकलने लगा तब वही दबंग आए और मार पीट पर आमादा हो गए हालांकि पीड़ित ने फोन कर यूपी 100 को सूचना दी किंतु वहां भी उसे कोई सहारा नहीं प्राप्त हुआ । उसी दिन पीड़ित ने कोतवाली में शिकायत पत्र भी दिया उसपर भी कोई कार्यवाही ना होने पर पीड़ित निराश होकर रह गया । परन्तु न्याय की आस लिए रविवार को फिर कोतवाली का दरवाजा खटखटाने पीड़ित कोतवाली पहुंचा जहां उसे आश्वाशन देकर वापस भेज दिया बता दें कि पीड़ित की पत्नी दबंगों के डर से अपने तीन बच्चों के संग पहले ही गांव से पलायन कर चुकी है। फिलहाल पीड़ित रामहर्ष ने कानून से न्याय की आस रखकर फिर शिकायत की है