28 नवंबर तक उत्तर-मध्य भारत में सर्दी फैल जाएगी, जनवरी तक न्यूनतम पारा 16° से कम रहेगा

ई दिल्ली. हिमालयी इलाकों में 24 घंटे से भारी बर्फबारी हो रही है। उत्तर पश्चिमी दिशा से बर्फीली हवा चलने का सिस्टम सक्रिय होने सेे मैदानी इलाकों से लेकर देश के मध्य हिस्सों तक पारा गिरना शुरू हो गया है। मैदानी इलाकों में मध्य प्रदेश के ग्वालियर में सबसे कम न्यूनतम तापमान 13.4 डिग्री रहा। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक सोमवार सुबह तक ये सर्द हवाएं चलती रहेंगी। 25-26 को नया और इस महीने का पांचवां पश्चिमी विक्षोभ बनने से पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू होगी। ऐसे में 28 नवंबर तक पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पूरे उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश के सभी इलाकों में सर्दी फैल जाएगी। देश में 2019-20 की तरह मार्च तक सर्दी पड़ेगी। फरवरी तक कड़ाके की सर्दी रहेगी। मार्च मे गुलाबी सर्दी का अनुभव होगा।

दिल्ली: मंगलवार को हो सकती है बारिश

दिल्ली में शनिवार को अधिकतम तापमान 26.8 डिग्री और न्यूनतम तापमान 14.7 डिग्री रहा। 26 से 28 नवंबर तक राजधानी में हल्की बूंदाबांदी की संभावना है

कश्मीर में 129% और हिमाचल में 9% ज्यादा बर्फबारी
24 घंटे में कश्मीर के बनिहाल में 34 मिमी, गुलमर्ग में 18 मिमी, काजीगुंड में 26 मिमी व हिमाचल के मनाली में 30 मिमी बर्फबारी हुई है। एक नवंबर से अब तक कश्मीर में औसत से 129% और हिमाचल में 9% ज्यादा बर्फबारी-बारिश हुई है।

भास्कर एक्सपर्ट बता रहे हैं इस बार देश में सर्दी कैसी पड़ेगी…

पूर्वी भारत-पश्चिमी एमपी में कड़ाके की सर्दी; दो-तीन ऐसे स्पेल बनेंगे, जब सर्दी के नए रिकॉर्ड बनेंगे   

जापान की राष्ट्रीय मौसम एजेंसी एप्लीकेशन लैबोरेट्री ऑफ जेम्सटेक के मुताबिक हिंद महासागर में मजबूत डायपोल और प्रशांत में अलनीनो के न्यूट्रल रहने के चलते इस बार मानसून लंबा चला और अब इसका असर सर्दी पर भी दिखेगा। इस साल भारत में पश्चिमी मध्य प्रदेश और पूर्वी भारत को छोड़कर बाकी देश में सर्दियां सामान्य रहेगी। पश्चमी मध्य प्रदेश और पूूर्वी भारत अपेक्षाकृत ज्यादा ठंडा रहेगा।

मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा के मुतािबक इस बार सर्दी सामान्य रहेगी। बीच-बीच में बारिश भी होगी। दिसंबर में उत्तर पश्चिम, मध्य भारत व उत्तरपूर्व राज्यों में औसत तापमान एक से तीन डिग्री ज्यादा रहेगा। इस तरह 2019-20 के सर्दियों के मौसम में यह लगातार पांचवां साल होगा जिसमें तापमान औसत से ज्यादा रहेगा, पर सर्दी के सीजन में एेसे दौर भी आएंगे, जब न्यूनतम तापमान के नए रिकॉर्ड बनेंगे।

स्काईमेट के महेश पलावत के मुताबिक, सर्दियों में हिमालय के दक्षिणी हिस्से में पश्चिमी विक्षोभ की संख्या बढ़ जाती है। अक्टूबर से फरवरी के बीच हर महीने 4 से 5 पश्चिमी विक्षोभ आते हैं। इससे  हर बार पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानों में बारिश और सर्दी बढ़ती है। इसके कमजोर पड़ने पर उत्तर पश्चिमी दिशा से बर्फीली हवाएं चलती हैं, जिससे मैदानों में पारा गिरता है। अगले दो महीने में एसे 8-10 विक्षोभ बनने वाले हैं।

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