नई दिल्ली. यहां नई दिल्ली स्टेशन के पास अनाज मंडी स्थित फैक्ट्री में रविवार तड़के आग लग गई। हादसे में 43 लोगों की जान चली गई। एलएनजेपी अस्पताल के डायरेक्टर किशोर सिंह ने बताया कि ज्यादातर मौतें दम घुटने से हुईं। अस्पताल में अन्य मरीजों के लिए इमरजेंसी सेवाएं बंद कर दी गईं। फैक्ट्री एक मकान में चल रही थी, जिसमें 59 लोग सो रहे थे। जिनमें से ज्यादातर बिहार के रहने वाले मजदूर थे। इस हादसे को दिल्ली के उपहार सिनेमा में 13 जून 1997 को लगी आग के बाद सबसे बड़ी आग लगने की घटना बताया जा रहा है। उपहार हादसे में 59 लोग मारे गए थे।
दिल्ली की अनाज मंडी में आग लगने से हुए हादसे में अबतक 43 लोगों की मौत हो गई है। दिल्ली में रानी झांसी रोड पर स्थित एक अनाज मंडी में आज तड़के एक घर में आग लग गई।दिल्ली अग्निशमन अधिकारियों के मुताबिक अबतक 50 से अधिक लोगों को बचाया गया है। आग इतनी भयानक थी कि इसपर काबू पाने के लिए दमकल की 30 गाड़ियों को आग बुझाने के लिए लगाया गया है। इसे दिल्ली का अबतक का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन बताया जा रहा है।
रिहाइशी इलाके में चल रही इस फैक्ट्री में स्कूल बैग और खिलौने बनाए जाते हैं। दमकल विभाग के अफसर सुनील चौधरी ने बताया कि फैक्ट्री में बैग्स, बॉटल और अन्य सामान रखा हुआ था। इस वजह से आग तेजी से फैली। दरभंगा बिहार के रहने वाले मोहम्मद लाडले ने बताया कि उनके 2 साथियों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। दमकल विभाग के प्रमुख अतुल गर्ग के मुताबिक, आग की सूचना 5.22 बजे मिली। इसके बाद दमकल की 30 गाड़ियां मौके पर भेजी गईं। बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीम भी भेजी गई। दक्षिण दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमा में लगी आग में 100 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। 13 जून 1997 को जिस समय यह घटना हुई, थिएटर में बॉर्डर फिल्म चल रही थी। इसी दिन सुबह 6.55 बजे थिएटर परिसर में लगे दो ट्रांसफॉर्मरों को बिजली बोर्ड ने ठीक किया था। माना जाता है कि मरम्मत ठीक से नहीं हुई और शाम 4.55 बजे इन ट्रांसफॉर्मर में आग लग गई। इस आग ने पूरे सिनेमा हॉल को अपनी चपेट में ले लिया था।