नई दिल्ली मिजोरम की महिला बॉलीबॉल प्लेयर लालवेंटलुआंगी बीते 24 घंटों में इंटरनेट का चर्चित चेहरा बन गई हैं। इसकी वजह उनकी वो फोटो है जिसमें वह अपनी सात माह की बच्ची को दूध पिला रही हैं। आपको हैरत हो सकती है, लेकिन यह सच है कि इसी फोटो के सामने आने के बाद मिजोरम के खेल मंत्री रॉबर्ट रोमाविया रोयटे ने उन्हें दस हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की। इतना ही नहींं, उन्होंने एक ट्वीट कर लाल को सैल्यूट किया है। लाल मिजोरम के तुकाम इलाके से आती हैं जो सर्क्षिप जिले में आता है। उत्तर-पूर्वी राज्य की लाल एक फोटो के जरिये रातोंरात सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। लोग उनकी इस फोटो को फेसबुक पर शेयर कर रहे हैं और ट्वीट कर उन्हें सलाम कर रहे हैं।
अब जरा आपको पूरा मामला बता देते हैं। दरअसल, मिजोरम की राजधानी आइजोल में स्टेट गेम्स की शुरुआत हुई है। इसकी शुरुआत में बॉलीबॉल का मैच खेला गया जिसमें लालवेंटिलुआंगी भी थी। इस के दौरान जब उन्हें मैच ब्रेक मिला तो वह कुछ दूरी पर रखी एक चेयर पर बैठ गईं और अपनी सात माह की बच्ची को दूध पिलाने लगीं। इस वाकये को वहां पर मौजूद दर्शकों ने देखा और काफी सराहा भी। दरअसल, खेल मंत्री समेत सभी लोगों ने लाल की इस बात के लिए जमकर तारीफ की है कि उन्होंने मां और एक खिलाड़ी के तौर पर अपने को बखूबी स्थापित किया है।
इनाम की घोषणा
बच्ची के छोटा होने पर भी न तो उन्होंने खेल को छोड़ना मुनासिब समझा और न ही बच्ची को दूध पिलाना ही बंद किया। यह वाकया एक मां के मातृत्व को भी दर्शाता है। साथ ही एक स्पोर्ट्समैनशिप को भी दिखाता है। यहां पर सबसे अच्छी बात ये भी रही कि जिस टीम का प्रतिनिधित्व लाल कर रही थीं वह टीम इस खेल में विजयी रही। इसी बात को सराहने के मकसद से खेल मंत्री रोयटे ने उन्हें इनाम देने की घोषणा भी की। आपको बता दें कि लाल ने इस स्टेट गेम के दौरान अपनी बच्ची को लाने की इजाजत मांगी थी।
दूसरों के लिए भी प्रेरणा
बहरहाल ये लाल की ये फोटो अपने आप में एक पूरी कहानी है और साथ ही, दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत भी है। यहां पर आपको एक बात और भी बता दें, विश्व प्रसिद्ध महिला मुक्केबाज मैरीकॉम का ताल्लुक भी उत्तर-पूर्व से ही है। वह मणिपुर की हैं और भारत की महिला जिम्नास्ट दीपा करमाकर त्रिपुरा से ताल्लुक रखती हैं। कहा जा सकता है कि भारत के इन उत्तर-पूर्वी राज्यों में खेल के प्रति एक जुनून है। जहां तक बात लाल की है तो उन्हें मैरीकॉम के समानांतर रखकर देखा जा सकता है। लाल की बच्ची को दूध पिलाने वाली तस्वीर को देखकर इसी तरह के उन वाकयों का जिक्र करना बेहद जरूरी हो जाता है जो देश और दुनिया की सुर्खियां बने थे।
जनवरी 2014 में यूरोपीय संघ की सांसद डेविस और रेसिया रोनजूली ने अपने बच्चों को सदन के अंदर एक प्रस्ताव पर बहस के दौरान दूध पिलाया था।
अक्टूबर 2016 में आइसलैंड की पार्लियामेंट में महिला सांसद कोनराडोट्टर उस वक्त चर्चा का विषय बन गई थीं जब वह स्पीच देने के दौरान अपनी छह माह की बच्ची को दूध पिला रही थीं। जब उनके बोलने का नंबर आया तो उस वक्त वह अपनी बेटी को दूध पिला रही थीं। लेकिन बोलने का नंबर आने पर वे बेहिचक अपनी बच्ची को गोद में लिए सीट से खड़ी हुईं और मंच पर जाकर अपनी बात रखने लगी थीं। पहले-पहल तो वहां मौजूद सभी सांसद ये देखकर हैरान हुए, लेकिन सभी ने बाद में उनकी तारीफ भी की। पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यदि वह इसको लेकर हिचक जाती तो उनकी बेटी भूखी रह जाती।
अक्टूबर 2016 में आइसलैंड की पार्लियामेंट में महिला सांसद कोनराडोट्टर उस वक्त चर्चा का विषय बन गई थीं जब वह स्पीच देने के दौरान अपनी छह माह की बच्ची को दूध पिला रही थीं। जब उनके बोलने का नंबर आया तो उस वक्त वह अपनी बेटी को दूध पिला रही थीं। लेकिन बोलने का नंबर आने पर वे बेहिचक अपनी बच्ची को गोद में लिए सीट से खड़ी हुईं और मंच पर जाकर अपनी बात रखने लगी थीं। पहले-पहल तो वहां मौजूद सभी सांसद ये देखकर हैरान हुए, लेकिन सभी ने बाद में उनकी तारीफ भी की। पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यदि वह इसको लेकर हिचक जाती तो उनकी बेटी भूखी रह जाती।
जून 2018 में कनाडा की संसद में गरमागरम बहस चल रही थी। इसी बीच महिला सांसद करीना गोल्ड अपने तीन माह के बेटे को दूध पिला रही थीं। हाउस ऑफ कॉमन में यह घटना बेहद नई और अनोखी थी। यह तस्वीर सामने आने के बाद लोगों ने उन्हें सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल किया। इसके जवाब में उन्होंने एक ट्वीट कर कहा दूध पिलाने में शर्म किस बात की। बच्चे को दूध चाहिए और उनके पास इसके लिए वोट है।
टेमी डकवर्थ अमेरिकी संसद की पहली ऐसी महिला सांसद हैं जो सांसद रहते हुए मां बनी थीं। इसके बाद उन्होंने दुधमुंहे बच्चे के साथ पार्लियामेंट में आने, दूध पिलाने को लेकर एक मुहिम चलाई। इस प्रस्ताव पर बाकायदा बहस हुई और अप्रेल 2018 में इस प्रस्ताव को पास कर दिया गया। डकवर्थ का तर्क था कि कोई सांसद बनी युवती अपने दुधमुंहे बच्चे को यूं ही भूखा नहीं छोड़ सकती है। उनके इस तर्क को सांसद में खूब समर्थन मिला था। इतना ही नहीं जब इस प्रस्ताव पर वोटिंग हुई तब डकवर्थ अपने दुधमुंहे बेटे के साथ वोट डालने पहुंची थीं।
सितंबर 2019 में न्यूजीलैंड की संसद में उस वक्त अजीब स्थिति हो गई जब सदन के स्पीकर गोद में बच्चे को लेकर बोतल से दूध पिलाने लगे। यह खबर तुरंत ही पूरे देश में फैल गई और उनकी इस तस्वीर को खूब वायरल किया गया। जिस बच्चे को वो बोतल से दूध पिला रहे थे वो उनका नहीं, बल्कि एक अन्य सांसद टमटा कॉफे का था। हालांकि, इस तस्वीर को लेकर स्पीकर ट्रेवर मलार्ड खूब चर्चा में आए थे।
हर संसद में इस तरह का प्रावधान नहीं है। यहां तक की कई देशों की संसद में भी अपने छोटे बच्चे को लेकर आने की इजाजत नहीं है। अगस्त 2019 में केन्या की महिला सांसद को अपने साथ दुधमुंहे बच्चे को साथ लाने की वजह से संसद से बाहर कर दिया गया था। यह घटना सांसद जुलेखा हसन के साथ घटी थी। वह अपने पांच माह के बच्चे के साथ संसद में पहुंची थीं, लेकिन अस्थाई स्पीकर को उनकी यह बात पसंद नहीं आई और उन्होंने हसन को नियमों की दुहाई देकर बाहर का रास्ता दिखा दिया था। जिस वक्त ये घटना हुई उस वक्त संसद में सोमालिया के साथ सीमा विवाद पर बहस हो रही थी। स्पीकर और जुलेखा में इसको लेकर तीखी बहस भी हुई जिसकी वजह से सदन का 15 मिनट तक खराब हुआ था। अंत में जुलेखा वहां से गुस्से से बाहर चली गई थीं।