फतेहपुर; फतेहपुर के जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर लाई गई दरिंदगी की शिकार युवती अधिकारियों को देखकर रोते हुए बोली, साहब! मुझे बचा लो, मैं मरना नहीं चाहती। यह सब कैसे हो गया? सवाल पर युवती आरोपित का नाम लेकर बोली, उसने पहले गलत काम किया और फिर पिपिया में भरा केरोसिन उस पर उड़ेलकर आग लगा दी। उसकी आपबीती सुनकर सहमे अधिकारियों ने तत्काल डीएम व एसपी को जानकारी दी। इसके बाद युवती को कानपुर रेफर कर दिया गया। शनिवार देर शाम एडीजी सुजीत पांडेय, डीएम संजीव सिंह, डीआईजी कवींद्र प्रताप सिंह और एसपी प्रशांत वर्मा ने गांव पहुंचकर ग्रामीणों से पूछताछ की और मामले की जानकारी हासिल की।
फतेहपुर में घटना के बाद युवती को गंभीरह हालत में कानपुर एलएलआर अस्पताल हैलट रेफर कर दिया गया था। पुलिस प्रशासन ने एंबुलेंस से युवती को एलएलआर अस्पताल लाकर भर्ती कराया था। फिलहाल उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। रविवार की सुबह राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य कमलेश गौतम अस्पताल पहुंची और पीडि़ता के परिवार वालों से मुलाकात की। फतेहपुर में घटना के बाद पहले पुलिस ने अधिकारियों को घटना की जानकारी ही नहीं दी और यही बताती रही कि पंचायत के निर्णय से आहत होकर युवती ने खुद को आग लगाई है। लेकिन, बाद में पीडि़ता का बयान सुनकर अफसरों के सन्न रह गए। इस लापरवाही के चलते दरिंदगी की शिकार हुई युवती को इलाज मिलने में दो घंटे से अधिक का समय लग गया।
शनिवार की सुबह करीब 10 बजे हुई घटना की जानकारी आला अधिकारियों को काफी देर बाद मिली। युवती के बयान के बाद डीएम व एसपी उच्चाधिकारियों को सूचना देकर गांव के लिए रवाना हुए। गांव से सीधे युवती को 25 किमी. दूर जिला अस्पताल लाया जाता तो बमुश्किल आधा घंटे का समय लगता। युवती को सीएचसी लाने के लिए सुबह 11:30 बजे एंबुलेंस गांव पहुंची। दोपहर 11.45 बजे हालत गंभीर देख सीएचसी से एंबुलेंस से ही जिला अस्पताल भेज दिया गया। युवती को दोपहर 12:35 बजे ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया। मजिस्ट्रेटी बयान व प्राथमिक उपचार के बाद करीब 55 मिनट बाद कानपुर रेफर किया गया।