फिनलैंड के गांव में रहते हैं सैंटा क्लॉज, सालभर बच्चों की चिट्ठियों के जवाब देते हैं और खिलौने बांटते हैं
लाइफस्टाइल डेस्क. क्रिसमस के मौके पर सैंटा क्लॉज के आने का इंतजार दुनिया आज भी करती है। ज्ञात इतिहास के हवाले से आज अगर सैंटा होते तो उनकी उम्र 1749 वर्ष की होती। सैंटा आज भले ही न हो, लेकिन उनका गांव जरूर है। इसे दुनिया में आधिकारिक रूप से सैंटा क्लॉज विलेज का दर्जा मिला हुआ है। यह गांव है सुदूर यूरोप में बर्फ से ढंके आर्कटिक सर्कल में फिनलैंड के लैपलैंड इलाके में स्थित सैंटा क्लॉज विलेज ‘रोवानिएमी’।
सैंटा क्लॉज की ऑफिस प्रतिनिधि वीरा ने भास्कर को ईमेल पर इस साल सैंटा के गांव में क्रिसमस की रौनक के बारे में जानकारी दी है। वीरा ने बताया कि हर बार की तरह 2019 के क्रिसमस पर बेहद रौनक है और दुनियाभर से लोग सैंटा से मिलने पहुंच रहे हैं। हालांकि 22 दिसंबर के बाद सैंटा बहुत कम लोगों से मिल रहे हैं क्योंकि 23 तारीख से ‘सैंटा इज ऑप हिज वे’ इवेंट शुरू हो गया है। इसमें हजारों लोग उस पल के गवाह बनते हैं जब सैंटा क्लॉज रेनडियर वाली अपनी स्लेज से दुनिया का चक्कर लगाने की अपनी यात्रा आरंभ करते हैं।
इस बार क्रिसमस पर सैंटा के घर को विशेष रूप से सजाया गया है। कैरल्स गाई जा रही हैं और यहां के तमाम क्रिसमस ट्री पर रोशनी की गई है। सैंटा के सहायक दुनियाभर के बच्चों को तोहफे भेजने में बहुत व्यस्त हैं। जब भास्कर की टीम ने सैंटा से बात करने की कोशिश की तो जवाब मिला कि क्रिसमस से एक महीने पहले संपर्क कीजिए, क्योंकि सैंटा और उनके स्टॉफ के लिए बच्चों की खुशी सबसे बड़ी है।
गांव में सैंटा का ऑफिस और स्टाफ दोनों
फिनिश दंतकथाओं में माना जाता है कि 270 ईसवी में सैंटा यहीं-कहीं जन्मे थे। इस गांव में सैंटा क्लॉज जैसा सैंटा रहता है। अब यह गांव जगह दुनिया के ट्रैवल मैप पर खास मुकाम रखता है। सैंटा का यहां एक ऑफिस और स्टॉफ है और इसकी आधिकारिक साइट भी है। सैंटा पूरे साल बच्चों की चिट्ठियों का जवाब देते हैं और उन्हें तोहफे भी भेजते हैं। मजेदार बात यह है कि सैंटा सिर्फ डाक से पहुंची चिटि्ठयों का ही जवाब देते हैं। पूरे साल के दौरान सैंटा को अपने मेन पोस्ट ऑफिस में दुनिया के 200 देशों से 5 लाख से ज्यादा चिटि्ठयां मिलती है और ज्यादातर का जवाब भी देते हैं। आंकड़ों के मुताबिक, अब तक सैंटा को बीते सालों में करीब 2 करोड़ चिटि्ठयां मिल चुकी हैं।