प्रियंका गांधी ने योगी आदित्यनाथ से कहा- यह भगवा आपका नहीं, उस हिंदू धर्म का है, जिसमें रंज और बदले की भावना नहीं होती

लखनऊ. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने नागरिकता कानून का विरोध कर रहे लोगों पर कार्रवाई करने के उत्तर प्रदेश सरकार के तरीके पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने राम-कृष्ण, शिवजी की बारात, हिंदुत्व और भगवा शब्द का इस्तेमाल कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा। उन्होंने सोमवार को लखनऊ में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- मुख्यमंत्रीजी ने बयान दिया था कि बदला लेंगे। उस बयान पर पुलिस और प्रशासन कायम है। उप्र के मुख्यमंत्री ने योगी के वस्त्र धारण किए हैं। भगवा धारण किया है। लेकिन यह भगवा उनका नहीं है।

प्रियंका गांधी ने कहा- भगवा को नहीं, धर्म को धारण करें

  • ‘मुख्यमंत्रीजी ने जो बयान दिया कि बदला लेंगे, उस बयान पर पुलिस और प्रशासन कायम है। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ होगा कि सीएम ने ऐसा बयान दिया कि जनता के खिलाफ बदला लिया जाएगा। जिन लोगों को नोटिस भेजा गया है, उनमें दारापुरीजी का भी नाम है।’
  • ‘कृष्ण-राम का देश है। भगवान राम करुणा के प्रतीक हैं। शिवजी की बारात में सब नाचते हैं। इस देश की आत्मा में हिंसा, बदला और रंज, इन चीजों की जगह नहीं है। जब श्रीकृष्ण ने अर्जुन को प्रवचन दिया था। जब महाभारत के महान युद्ध में महान योद्धा मैदान पर खड़े थे, तब श्रीकृष्ण ने उनसे रंज और बदले की बात नहीं की थी, उन्होंने करुणा-प्रेम की भावना उभारी।’
  • उप्र के मुख्यमंत्री ने योगी के वस्त्र धारण किए हैं। भगवा धारण किया है। ये भगवा आपका नहीं है, ये भगवा हिंदुस्तान की धार्मिक-आध्यात्मिकता परंपरा का है। हिंदू धर्म का चिह्न है। उस धर्म को धारण करें। उस धर्म में रंज, हिंसा और बदले की भावना की कोई जगह नहीं है।’
  • ‘लखनऊ में मैं (पूर्व आईपीएस अफसर) दारापुरी से मिलने जा रही थी। वे 77 साल के हैं और उन्हें एक फेसबुक पोस्ट के लिए घर से पुलिस ने उठा लिया। 48 लोगों के साथ उनका नाम एक लिस्ट में रखा गया था। वाराणसी में कई बच्चे बीएचयू के प्रदर्शन कर रहे थे। शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे। उन्हें जेल भेज दिया गया।’
  • ‘24-25 साल के बच्चों को जेल भेज दिया गया। ये वो केस हैं, जिनका रिकॉर्ड है। 5500 लोग गिरफ्तार हुए हैं। अनऑफिशियली यह नंबर ज्यादा है। कई लोग अज्ञात हैं, जिन्हें जेल में पीटा जा रहा है। पुलिस और प्रशासन गलत काम कर रहे हैं, उनके रिकॉर्ड हैं चिट्ठी में।’
  • ‘मैंने अनस के परिजन से मुलाकात की थी। हिंसा में मौत के बाद जब पीड़ित परिवार पुलिस के पास गया तो उन्हें धमकाया था कि आप पर ही एफआईआर कर दी जाएगी। अनस के पिता ने कहा था कि मैं अपने बेटे की कब्र तक को देखने नहीं जा पाऊंगा। 21 साल के शाहिद की भी मौत हुई थी, वो नोएडा में रहकर ट्यूशन पढ़ाता था।’
  • ‘हमारी तरफ से राज्यपाल महोदया को एक चिट्ठी भी भेजी गई है। यह एक संपूर्ण दस्तावेज है। जैसा कि आप पुलिस की अराजकता को देख रहे हैं। मैंने चिट्ठी में लिखा है कि बिजनौर में दो नौजवानों की जान गई थी। दोनों सामान्य परिवार से थे।’

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