लखनऊ । दिल्ली में निर्भया और हैदराबाद में डॉक्टर को दुष्कर्म के बाद जिंदा जलाने जैसी घटनाओं से सबक लेते हुए प्रदेश सरकार महिला सुरक्षा का नए सिरे से खाका खींचने में जुट गई है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘सेफ सिटी’ सिर्फ लखनऊ तक सीमित नहीं रहेगी।
प्रदेश के उन 17 शहरों को सेफ सिटी की छतरी के नीचे लाया जाए, जहां नगर निगम हैं। प्रोजेक्ट के तहत इन शहरों में सेफ्टी ऑडिट के बाद महिलाओं की सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जाएंगे।
निर्भया कांड के बाद केंद्र सरकार ने देश के चुनिंदा बड़े शहरों को सेफ सिटी बनाने का फैसला किया था। दिल्ली, लखनऊ, भोपाल जैसे शहरों में हर स्तर पर सेफ्टी ऑडिट के बाद योजना को परवान चढ़ाया जा रहा है। चूंकि, महिलाओं के खिलाफ अन्य शहरों में भी ¨हसा और उत्पीड़न के मामले जारी हैं। लिहाजा, उप्र में सेफ सिटी की संख्या बढ़ाने का फैसला हुआ है। इस बार परियोजना का प्रस्ताव तैयार करने का जिम्मा मंडलायुक्तों को दिया है। साथ ही प्रस्तावों पर मंजूरी की मुहर लगवाने के लिए केंद्र सरकार और राज्य में पैरवी भी यही अफसर करेंगे।