नई दिल्ली, डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। अब डिजिटल पेमेंट की सुविधा नहीं देने पर बड़ी दुकानों और कंपनियों को भारी जुर्माना देना होगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा जारी सकरुलर के मुताबिक 50 करोड़ या उससे अधिक राजस्व वाली दुकानों और कंपनियों को कम से कम एक डिजिटल पेमेंट माध्यम उपलब्ध कराना होगा। ऐसा नहीं करने पर उन्हें पांच हजार रुपये प्रतिदिन का भारी जुर्माना चुकाना होगा। उन्हें डिजिटल पेमेंट का कोई एक विकल्प अपना लेने के लिए 31 जनवरी तक की मोहलत दी गई है।
सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे भीम-यूपीआइ, यूपीआइ-क्यूआर कोड, आधार पे और कुछ डेबिट कार्ड जैसे डिजिटल पेमेंट माध्यमों पर मर्चेट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) से छूट की घोषणा पहले ही हो चुकी है। एमडीआर वह शुल्क है, जो डिजिटल माध्यम से भुगतान लेने पर व्यापारियों को चुकाना होता है। ज्यादातर मामलों में कारोबारी इससे बचने का प्रयास करते थे और ग्राहकों पर इसका अतिरिक्त भार डाल दिया जाता था। इसको देखते हुए सरकार ने पिछले बजट में एमडीआर समाप्त करने की बात कही थी।