इटावा, न्यूज़ वाणी ब्यूरो संजीव शर्मा कुशगंवा गाँव मे एक 6 फुट लम्बा अजगर दिखाई देने की सूचना पूर्व प्रधान कुशगंवा उमेश द्वारा वन्यजीव एवं पर्यावरण संरक्षण के लिये कार्य कर रही संस्था ऑर्गनाइजेशन फ़ॉर कंजर्वेशन ऑफ एनवायरनमेंट एंड नेचर ;ओशन द्ध के महासचिव एवन्यजीव विशेषज्ञ डॉ आशीष त्रिपाठी को दी । सूचना मिलते ही वे मौके पर पहुँचे सर्प मित्र डॉ आशीष ने अजगर को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया । जिसमे ग्राम निवासी अजय पांडेएआशीष पांडेए गौरव तिवारीए पिंटू तिवारी ने अजगर को पकड़ने में डॉ आशीष की पूरी मदद की । बाद में इसे संतोष कुमार
वन रक्षकए भर्थना रेंज की उपस्तिथि में उसके प्राकृतवास में सुरक्षित छोड़ दिया गया ।
डॉ त्रिपाठी ने बताया किएइटावा जनपद में संस्था ओशन द्वारा लगातार चलाये जा रहे सर्प मित्र कार्यशाला की जागरूकता अभियान का ही असर है कि अब कोई भी इन बेजुबान जीव जंतुओं को कोई भी क्षति नही पहुँचाता है। बल्कि किसी भी प्रकार का सर्प दिखाई देने पर उसकी सूचना अब लोग डॉ आशीष को फोन द्वारा देने लगे है व अब लोगो ने इन्हें मारना भी छोड़ दिया है नही तो पहले लोग अक्सर जागरूकता के अभाव में सर्प को देखते ही जहरीला समझ कर मार देते थे । डॉ आशीष ने बताया कीएआज हमे मिला यह सर्प एक संरक्षित प्रजाति का सर्प है
इसका जन्तु वैज्ञानिक नाम पाइथन मौलूरस है इसकी लंबाई लगभग 6 फीट और वजन करीब 20 किलो के आस पास है । यह एक विषहीन प्रजाति है इसके काटने से सिर्फ इंफेक्शन ही हो सकता है लेकिन उन्होंने बताया किए अजगर से मिलता जुलता ही एक और सर्प भी है जो कि खतरनाक होता है जिसे रसल वाइपर कहते है कभी कभी लोग धोखे में रसल वाइपर को अजगर समझ लेते है जो देखने मे एक जैसे लगते है जो कि जानलेवा भी हो सकता है अतः सभी से मेरा एक निवेदन है किएबिना किसी प्रशिक्षण के इन सर्पो को बिल्कुल न पकड़ें और इनसे दूर ही रहे । ’भोजन की कमी व प्राकृतिक आवासों का लगातार नष्ट होना इनके जीवन के लिये मुसीबत बन गया है ।आजकल सर्दी के मौसम में यदा कदा दिखाई दे रहे ये सर्प अक्सर बेजान से पड़े रहते है औऱ ज्यादा भाग नही पाते क्यों कि ’ये सभी शीत रक्त वाले प्राणी है जो कि केवल सूर्य की रोशनी में ही सक्रिय होते है और गर्मी न मिलने से इनका रक्त ठंडा हो जाता है साथ ही इनके शरीर मे आवश्यक ऊर्जा की कमी भी हो जाती है । सर्प मित्र डॉ आशीष सर्प मित्र कार्यशाला में इन सर्पो की पहचान ए प्रकार एवं प्रकृति में इनकी उपयोगिता व इनके काट लेने पर त्वरित किये जाने वाले उपचार जैसे महत्वपूर्ण विषय पर जनपद के विभिन्न स्कूलो व कालेजो में एक विशेष व्याख्यान भी लगातार दे रहे है ।