पत्नी की हत्या कर कमरे में दफनाया शव, डेढ़ साल बाद सच सामने आया तो पांव तले से खिसक गई जमीन

जालौन,  उरई के मोहल्ला रामनगर में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की हत्या कर कमरे में शव दफन कर दिया और दिल्ली जाकर काम करने लगा। डेढ़ साल तक किसी को भी वारदात की भनक तक नहीं लगने दी। बेटी से बात नहीं हो पाने पर मायके वालों ने संदेह जताते हुए कोतवाली में प्रार्थना पत्र दिया तो पुलिस की जांच में पूरा सच सामने आते ही उनके पांव तले से जमीन खिसक गई। पुलिस ने पूछताछ की तो पति ने जुर्म कबूल कर लिया और उसकी निशानदेही पर कमरे का फर्श खोदकर कंकाल बरामद किया गया।

मायके वालों से करता रहा टालमटोल

उरई के सरसौखी गांव निवासी कालीचरण ने पुलिस को दिए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया था कि रामनगर निवासी दामाद प्रमोद कुमार पुत्र खेमराज ने 30 वर्षीय बेटी विनीता को गायब कर दिया है। डेढ़ साल से बेटी से संपर्क नहीं हुआ। जब भी फोन कर प्रमोद से विनीता से बात कराने का आग्रह करते तो वह टाल-मटोल करने लगता। शुक्रवार को प्रमोद रामनगर स्थित अपने घर आया था। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। पूछताछ करने पर जो राज खुला उसे सुनकर पुलिस भी दंग रह गई।

कपड़े देखकर की पहचान

सीओ सिटी संतोष कुमार ने बताया कि फर्श में दफन कंकाल बरामद कर लिया गया है। स्वजनों ने कपड़े देखकर पहचान की है। हालांकि पुष्टि के लिए कंकाल का डीनएन कराया जाएगा। साक्ष्य जुटाने के बाद रविवार को आरोपित को जेल भेजा जाएगा। पूछताछ में यह बात सामने आई कि पत्नी-पत्नी के मध्य आएदिन कलह होती थी। इस वजह से प्रमोद ने पत्नी की हत्या कर दी। यह हैरानी की बात है कि प्रमोद के स्वजन भी इस बात से अनजान थे।

शव दफन कर ऊपर बनवाया पक्का फर्श

प्रमोद ने पुलिस को बताया कि उसने 18 मई 2018 को पत्नी विनीता की हत्या कर दी थी और शव को कमरे में ही दफन कर उसके ऊपर पक्का फर्श बनवा दिया था। घर में मौजूद उसके पिता खेमराज को भी वारदात की भनक नहीं लग सकी थी। खेमराज ने पुलिस को बताया कि डेढ़ साल पहले पुत्र प्रमोद कुमार यह कहकर घर से गया था कि वह पत्नी को लेकर दिल्ली जा रहा है, वहीं पर कुछ काम करेगा। इस बीच प्रमोद भी घर नहीं आया और मकान में किरायेदार रख दिए थे। लेकिन उसे यह पता नहीं था कि बहू की हत्या कर दी गई है।

हत्या से अनजान था परिवार

पत्नी की हत्या कर शव कमरे में दफन किए जाने का राज डेढ़ साल बाद खुला तो हर कोई स्तब्ध रह गया। मृतका के मायके वाले तो इस बात से अनजान थे कि उसकी बेटी इस दुनियां में नहीं है। पुलिस ने जब कमरे का फर्श खुदवाकर शव निकाला तो मोहल्ले के लोग भी सन्न रह गए। बेटी की मौत का पता चलने के बाद मां उर्मिला का रो-रो कर बुरा हाल था। विनीता का मायका उरई कोतवाली क्षेत्र के ही ग्राम सरसौखी में है। कई ङ्क्षबदुओं पर पुलिस जांच कर रही है।

नौ साल पहले हुई थी शादी

विनीता के साथ प्रमोद की शादी अप्रैल 2011 में हुई थी। बीत विनीता ने तीन बेटियों को जन्म दिया। बड़ी बेटी कनिका पांच साल की है, गुंजन चार साल की है और परी अभी तीन साल की है। तीनों बेटियों को प्रमोद घर पर ही छोड़ गया था। बेटियां भी इस बात अनजान थीं कि उनकी मां की हत्या हो चुकी है। प्रमोद को न सिर्फ उसके ससुराल वाले कोस रहे थे, बल्कि स्वजन भी उसे धिक्कार रहे थे।

दिल्ली में भी दिया था प्रार्थना पत्र

विनीता के मायके वालों को छह महीने बाद ही संदेह हो गया था कि उनकी बेटी विनीता किसी साजिश का शिकार हो गई है। उसने कोतवाली में प्रार्थना पत्र दिया लेकिन शुरू में पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। पिता ने दिल्ली में भी प्रार्थना पत्र दिया था। जब प्रमोद घर लौट आया तो मायके वाले और सक्रिय हो गए जिसके पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी और हत्या का राज खुल गया।

परिवार परामर्श केंद्र में हुई थी सुलह

पुलिस अधीक्षक डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि विनीता व उसके पति प्रमोद के बीच विवाद चलता था। जांच में पता चला कि वर्ष 2018 में एक बार परिवार परामर्श केंद्र में उनके बीच सुलह भी हुई थी। इससे स्पष्ट होता है कि पारिवारिक कलह के चलते प्रमोद ने पत्नी की हत्या की है। सभी पहलुओ पर जांच की जा रही है। फर्श खुदाई से लेकर शव बरामद करने तक पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराई गई है। फील्ड यूनिट की टीम ने भी मौके से फारेंसिक साक्ष्य एकत्रित किए हैं। आरोपित के विरुद्ध हत्या व शव को छुपाने की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। घटना में कोई और भी तो शामिल नहीं है, इसकी तहकीकात की जा रही है।

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