यूनिवर्सिटी में शिक्षक-छात्रों की पिटाई से पहले वॉट्सएप ग्रुप में मैसेज- कौमियों ने गंदगी मचा रखी है, देशद्रोहियों को मारो

नई दिल्ली. जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में रविवार रात प्रदर्शनकारी छात्रों पर हमले से जुड़े कुछ वॉट्सएप मैसेज सामने आए हैं। जो नकाबपोशों के द्वारा मारपीट की घटना को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम देने की ओर इशारा कर रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यूनिवर्सिटी कैंपस में हिंसा से पहले सोशल मीडिया में सर्कुलेट हो रहे मैसेज में कहा गया कि देश द्रोहियों को मारो। इसके बाद नकाबपोशों ने कैंपस में 3 घंटे तक कोहराम मचाया था, हमले में 20 छात्र जख्मी हो गए।

रिपोर्टर ने वॉट्सएप ग्रुप में ऐसे मैसेज पोस्ट करने वाले 6 लोगों से संपर्क किया। इनमें से तीन ने कहा कि शायद उनके मोबाइल का गलत इस्तेमाल हुआ है। एक ने कहा कि किसी दोस्त ने यह मैसेज पोस्ट किया था। बाकी दो ने कहा कि हम सूचनाएं जुटाने के लिए ग्रुप में शामिल हुए थे। लेकिन किसी ने हमें बाद में हटा दिया।

जेएनयू में रविवार रात हिंसा के बाद भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया।

मैसेज-1
”बिल्कुल, एक बार ठीक से आर पार करने की जरूरत है। अभी नहीं मारेंगे सालो को तो कब मारेंगे, गंद मचा रखी है कौमियों ने” 

इसे पोस्ट करने वाले ने कहा कि मैं जेएनयू में स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज से पीएचडी कर रहा हूं। मैं एबीवीपी से जुड़ा हूं। कुछ पत्रकार यूनिवर्सिटी की छवि धूमिल कर रहे हैं। बाद में उसने कहा कि किसी ने मेरे मोबाइल का गलत इस्तेमाल किया है।

मैसेज-2
”जेएनयू में हम सभी कितने खुश हैं। मजा आ गया। इन साले देश द्रोहियों को मार कर” 

इसे पोस्ट करने वाले ने कहा कि मैं हरियाणा के एक कॉलेज का छात्र हूं। हममें से कई लोग खुश थे। जब जेएनयू में लेफ्ट के आतंक के खिलाफ मीडिया रिपोर्ट पढ़ी। तभी एक दोस्त ने मेरा फोन लेकर किसी ग्रुप में यह पोस्ट डाल दिया। मैं नहीं जानता कि जेएनयू के छात्र देशद्रोही हैं या नहीं।

मैसेज-3
”सालों को हॉस्टल में घुसके तोड़ा” 

इसे पोस्ट करने वाले ने कहा कि मैं नोएडा में हूं और किसने आपको नंबर दिया।

मैसेज- 4
”यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट” 

इसे पोस्ट करने वाले ने कहा कि मैं हिंसा से जुड़ी सूचनाएं लेने के लिए ग्रुप में जुड़ा था। अभी एम्स में हूं और जेएनयू का छात्र नहीं हूं। कॉमरेड के साथ हूं। बाद में मुझे ग्रुप से हटा दिया गया।

मैसेज- 5
”संघी गुंडे मुर्दाबाद”

एक अन्य व्यक्ति ने ग्रुप का नाम ‘यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट’ से बदलकर ‘संघी गुंडे मुर्दाबाद’ कर दिया। बाद में उसे भी ग्रुप से बाहर कर दिया गया। उसने कहा कि मैं केरल से हूं। किसी ने मुझे ग्रुप में जोड़ा था। मैं एबीवीपी की विचारधारा के खिलाफ हूं। मेरा हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है।

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