’83’ के लिए रणवीर की मेहनत देखकर डर गए थे कपिल देव, डर था कहीं घायल ना हो जाएं

बॉलीवुड, कपिल देव 6 जनवरी को अपना 61वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। कपिल  से मुलाकात के दौरान फिल्म ’83’ की तैयारियों के दिनों की कहानी साझा की है। गौरतलब है कि रणवीर सिंह फिल्म ’83’ में देश को पहला क्रिकेट वर्ल्ड कप जिताने वाले कप्तान कपिल का रोल निभा रहे हैं। इसकी तैयारी के लिए उन्होंने काफी वक्त दिल्ली में कपिल के ही घर पर बिताया था। इस दौरान उनका समर्पण कैसा रहा बता रहे हैं खुद कपिल।
Kapil Dev Ranveer Singh | Kapil Dev 61st Birthday: Former India World Cup-winning captain Kapil Dev Speaks To Bhaskar On Ranveer Singh Starrer 83

कपिल ने दिए इन सवालों के जवाब

  1. फिल्म ’83’ के बनने की कहानी क्या और कैसी रही?

    इसकी शुरुआत कबीर खान से भी पहले हो गई थी। हम लोगों के पास सबसे पहले फैंटम प्रोडक्शंस वाले आए थे। उसके बाद कबीर खान और रणवीर सिंह से बातें शुरू हुई। कबीर तो काफी बाद में आए हैं। उनसे पहले इस फिल्म पर कोई और काम कर रहा था।

  2. रणवीर के ‘नटराज शॉट’ और बॉलिंग वाले लुक से आप कितना संतुष्ट हैं?

    मुझे खुद नहीं मालूम। मैं दरअसल अपने बारे में चर्चा नहीं करता। अलबत्ता आज की जनरेशन के एक्टर्स कुछ भी कर सकते हैं। हम लोगों ने कभी नहीं सोचा था कि इस तरह का जादू होगा। जिस दौर में हम लोग बड़े हो रहे थे उस समय तो हीरो अलग तरह के हुआ करते थे लेकिन आज के एक्टर्स रियल हीरो हैं। उन्हें कोई भी रोल दो, वह उसमें घुस जाते हैं। मैंने रणवीर को दो दिन काम करते हुए देखा था। इतनी मेहनत कर रहे थे कि मुझे डर था कहीं घायल ना हो जाएं। आज के दौर के सभी एक्टर्स अपने किरदार बहुत अच्छा निभाते हैं। पहले ऐसा नहीं था। फरहान अख्तर ने ही जो ‘भाग मिल्खा भाग’ में जादू किया, वह अविश्वसनीय है। आप शाहरुख खान की ‘चक दे इंडिया’ देख लो, कितनी कमाल की एक्टिंग की है उन्होंने फिल्म में।

  3. रणवीर आपसे किन मसलों पर बात करते थे

    वह बहुत ही सुलझे हुए एक्टर हैं। जहां तक मैं महसूस कर पाया कि वह मेरी बॉडी लैंग्वेज ऑब्जर्व करने की कोशिश करते थे। हमारे बीच बहुत कैजुअल बातें होती थीं। मेरी बॉडी लैंग्वेज देखने से लेकर मैं कैसे बोलता हूं, खाता हूं, चलता हूं, वह सब वह बहुत बारीकी से बातों-बातों और मुलाकातों में ऑब्जर्व कर रहे थे।

  4. फिल्म को लेकर कितने महीनों तक रिसर्च हुई?

    रिसर्च तो बहुत हुई है। अभी वह बता दूंगा तो फिल्म देखने का मजा किरकिरा हो जाएगा। निजी तौर पर मेरे साथ क्रिएटिव टीम 10 दिन रही थी। इसी तरह बाकी प्लेयर्स के साथ उन्होंने काफी वक्त बिताया था। यह स्टोरी सिर्फ मेरे ऊपर नहीं है। कपिल देव की बायोपिक नहीं है यह। यह 83 वर्ल्ड कप की जीत के सभी हीरो को डेडिकेटेड है फिर चाहे वह अमरनाथ हो या श्रीकांत। उन सबकी कहानी इसमें है। रिसर्च टीम के साथ सबसे ज्यादा बलविंदर सिंह संधू काम कर रहे थे।

  5. आप अपने दौर में कितने फिल्मी रहे हैं?

    जवानी के वक्त तो हम लोग ‘शोले’, राजेश खन्ना की फिल्में और ‘मुगल-ए-आजम’ और ‘मदर इंडिया’ जैसी फिल्मों के दीवाने थे। तब ‘मुगल-ए-आजम’ का डायलॉग एक-एक बच्चे को याद हुआ करता था।

  6. जन्मदिन से जुड़ा कोई किस्सा शेयर कर सकेंगे?

    आमतौर पर मेरे सारे बर्थडे पर मस्ती का माहौल ही रहा है। मैं पार्टी एनिमल टाइप आदमी नहीं हूं। कोई बस आकर मुझे झप्पी दे जाए वही सबसे बड़ा गिफ्ट है।

  7. नटराज शॉट सीखने के लिए रणवीर ने कितने दिनों का वक्त लिया था?

    मैं जितने वक्त भी उनके साथ रहा मैंने बस यही पाया कि वे जी तोड़ मेहनत करते रहे। एक एक्टर के लिए उतना करना सही है कि नहीं वह मुझे पता नहीं। लेकिन जितनी भी मेहनत उन्होंने की, ऐसा लगा की एक्टर लोग भी खिलाड़ियों से कम मेहनत नहीं करते। हम लोगों के मन में तो सिर्फ यह परसेप्शन था कि अरे एक्टर लोग कैमरे के सामने आते होंगे। डायलॉग दो-तीन बार बोलते होंगे और चलते बनते होंगे पर मैंने रणवीर को देखा कि उन्होंने आठ-आठ घंटे क्रिकेट के मैदान में प्रैक्टिस की है। यह बहुत बड़ी बात है। वे एक-एक एक्शन को बनाने में छह- छह, आठ- आठ घंटे दे रहे थे।

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