स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की याद में निकली कलश यात्रा

न्यूज वाणी ब्यूरो
गदागंज/रायबरेली। जब-जब रायबरेली के इतिहास में शहीदों की यादें ताजा होती हैं तब तब गदागंज थाना क्षेत्र के अमोल शर्मा का नाम हर जुबां पर होता है। जिन्होंने अंग्रेजी शासन में अंग्रेजी हुकूमत में जकड़े किसानों को आजादी दिलाने के लिए आंदोलन की रूपरेखा तैयार की थी। उनकी याद में प्रतिवर्ष शहीद दिवस के अवसर पर एक दिन पूर्व उनके पैतृक गांव से कलश यात्रा का आयोजन कर शहीद स्मारक मुंशीगंज तक आयोजित की जाती है। इसी क्रम में सोमवार को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित अमोल शर्मा का कलश यात्रा ग्राम सभा भगवंतपुर चंदनिया के खुशिया लाला पुरवा से गंगा घाट पर कलश में जल भरकर गंगा के तट से कलश यात्रा का शुभारंभ किया गया। जिसमें भगवंतपुर चंदनिया के ग्रामीणों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। जिसमें प्रभा शंकर, शिव बाबू, विजय शंकर, कृपाशंकर, कृष्ण शंकर, मेजर हरिश्चंद्र सिंह प्रधान, रामदयाल, बच्चू सिंह, रमेश सिंह, विनोद शर्मा, गदागंज थाना प्रभारी धीरेंद्र यादव, डॉ राजेश, पुष्पराज सिंह, जगदमबा सिंह सहित सैकड़ों लोगों ने भगवंतपुर चंदनिया गंगा तट से जल भरकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित अमोल शर्मा के याद में कलश यात्रा को संपन्न किया गया। कहने को तो यह गांव भगवंतपुर चंदनिया स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित अमोल शर्मा का गांव कहा जाता है लेकिन लोगों का कहना है कि पूर्व में इन के नाम पर कई योजनाएं आई पर आज तक पंडित अमोल शर्मा के नाम पर कुछ नहीं किया गया कहने को तो प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित अमोल शर्मा का नाम लेते हुए कहा कि हम उस जगह पर आए हैं जहां पंडित अमोल शर्मा जैसे भी व्यक्ति रहते थे लेकिन देखा जाए तो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित अमोल शर्मा के गांव में ना तो कोई अस्पताल है ना ही आने जाने के लिए पक्की सड़क है ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर पक्की सड़क पंडित अमोल शर्मा के नाम से बनवाई जाए और अस्पताल बनवाई जाए और स्कूल की सुविधा दी जाए जिससे छोटे-छोटे बच्चों की अच्छी से अच्छी पढ़ाई हो सके और इस ग्राम सभा को और बेहतर बनाया जा सके जिससे बच्चों का हर तरह से विकास हो सके और ग्राम सभा भगवंतपुर चंदनिया का नाम इन छोटे-छोटे बच्चों द्वारा रोशन हो सके।
क्या कहते हैं समाजसेवी संगठन
युवा समाजसेवी मंच गदागंज के अध्यक्ष इंतजार सिंह का कहना है कि क्षेत्र के वीर सपूत के पैतृक गांव में आज तक केंद्र व प्रदेश में जो भी सरकारें आई हैं अमोल शर्मा का पैतृक गांव भगवंतपुर चंदनिया उपेक्षा का शिकार रहा है। गदागंज से 3 किलोमीटर दूरी पर बसा यह गांव जहां पर उनकी याद में बना हुआ अमोल शर्मा बाल विद्या मंदिर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है जहां तक पहुंचने के लिए कोई पक्का मार्ग भी नहीं है ग्रामीण उबड़ खाबड़ खड़ंजा मार्ग से गुजरते हैं।

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