वायु प्रदूषण से बच्‍चों में बढ़ रहीं श्‍वांस संबंधी बीमारियां, इन आसान तरीकों से करें बचाव

नई दिल्‍ली,  देशभर में लगातार बढ़ते प्रदूषण ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। वायु प्रदूषण के चलते बढ़े अस्‍थमा के मरीजों में बच्‍चों की संख्‍या काफी है, जो चिंताजनक है। हाल के दिनों में प्रदूषण के कारण श्‍वसन तंत्र की बीमारियों से जूझ रहे बच्‍चों में इजाफा देखा गया है।

घरेलू कार्यों से पनप रहा प्रदूषण

सस्टेनेबिल सिटीज एंड सोसाइटी जरनल में प्रकाशित शोध के मुताबिक ट्रैफिक, निर्माण कार्यों और घरेलू कार्यों से पैदा होने वाली ऊष्मा से दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की हवा प्रदूषित हो रही है। शोधकर्ताओं ने दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में 12 स्थानों से चार साल तक प्रदूषण के आंकड़ों को संग्रहित करने के बाद यह रिपोर्ट दी है।

बच्‍चों में बढ़ी रही श्‍वसन संबंधी बीमारियां

यही वजह है कि लगातार श्‍वसन प्रणाली से संबंधित बीमारियों के मरीजों की संख्‍या में इजाफा हुआ है। दिल्‍ली एनसीआर क्षेत्र के बच्‍चों में श्‍वसन संबंधी तमाम समस्‍याएं बढ़ती देखी गई हैं। कम उम्र के बच्‍चों में ही अस्‍थमा, न्‍यूमोनिया, इंफ्ल्‍यूएंजा, स्‍लीप एप्निया, टीबी, सीओसीपीठी और कैंसर जैसी घातक बीमारियां अपना घर बना ले रही हैं।

10 में 9 आदमी प्रदूषित सांस ले रहे

WHO की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में वायु प्रदूषण इस गति से बढ़ रहा है कि 10 में 9 आदमी प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं। यही वजह है कि 7 करोड़ लोग हर साल वायु प्रदूषण जनित बीमारियों का शिकार हो कर मौत के मुंह में जा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में बड़ी तेजी से इस तरह की बीमारियां बच्‍चों को अपनी चपेट में ले रही हैं।

क्‍या करें पैरेंट्स

चिकित्‍सकों के मुताबिक वायु प्रदूषण से होने वाली श्‍वसन संबंधी बीमारियों से बच्‍चों को बचाने के लिए उन्‍हें घर के बाहर मास्‍क लगाने के लिए प्रेरित करना होगा। घर में और आसपास भरपूर मात्रा में पौधरोपण करना होगा। किसी भी तरह की सामग्री जलाने पर पूरी तरह से रोक लगानी होगी। इसके अलावा सिगरेट पीने वाले पैरेंट्स को इससे बचना होगा। नियमित गुड़ खाएं और शुद्ध पानी का इस्‍तेमाल करें। दिक्‍कत बढ़ने पर नजदीकी चिकित्‍सक से सलाह लें।

 

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