लखनऊ, कानून-व्यवस्था के मामले में उत्तर प्रदेश में भी पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की बड़ी पहल को लेकर शासन स्तर पर जल्द अंतिम फैसला लिया जाएगा। इससे पहले अंतिम दौर का विचार-मंथन चल रहा है। प्रदेश में सबसे पहले दो जिलों में कमिश्नरी सिस्टम लागू करने का प्रस्ताव है। प्रदेश में पुलिस कमिश्नर के साथ ही एडिशनल कमिश्नर भी नियुकत करने का प्रस्ताव तैयार है। पुलिस कमिश्नर के साथ लखनऊ में दो एडिशनल कमिश्नर की तैनात करने का प्रस्ताव है।
लखनऊ व गौतमबुद्धनगर में कमिश्नर प्रणाली लागू करने के लिए मंगलवार को कैबिनेट से हरी झंडी भी मिलने की चर्चा है। सूत्रों का कहना है शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर पुलिस कमिश्नर प्रणाली के विभिन्न पहलुओं पर मंथन किया। इसमें भी खासकर गुडग़ांव व मुंबई मॉडल पर चर्चा की गई। लखनऊ व गौतमबुद्धनगर में अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी की पुलिस कमिश्नर के रूप में तैनाती होगी।
बताया गया कि मुंबई में शस्त्र व आबकारी लाइसेंस निर्गत करने का अधिकार भी पुलिस को है, जबकि गुडग़ांव में पुलिस के पास यह अधिकार नहीं हैं। एडीजी व आइजी स्तर के अधिकारी की तैनाती के साथ ही उनके संभावित नामों पर भी विमर्श हुआ। चूंकि लखनऊ और गौतमबुद्धनगर के एसएसपी के पद खाली हैं और कैबिनेट की बैठक मंगलवार को होनी है, ऐसे में यह भी संभावना है कि सरकार इस निर्णय को बाईसर्कुलेशन भी लागू कर सकती है।
डीजीपी ओपी सिंह ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता के दौरान स्वीकार किया कि पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने को लेकर शासन में मंथन चल रहा है। उनका कहना है कि इस पर अंतिम निर्णय सरकार को लेना है। प्रदेश में लखनऊ, कानपुर नगर, वाराणसी, गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नर प्रणाली बतौर पायलेट प्रोजेक्ट लागू करने के प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई थी। इसी को लेकर अब तक लखनऊ व गौतमबुद्धनगर में नए एसएसपी की तैनाती भी नहीं की गई है। इससे यहां कमिश्नर प्रणाली लागू करने की चर्चाएं और तेज हो गई हैं।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को 14 आइपीएस की तबादला सूची जारी हुई थी। एसएसपी लखनऊ कलानिधि को एसएसपी गाजियाबाद बनाया गया है। जबकि गौतमबुद्धनगर के एसएसपी वैभव कृष्ण को शासन ने निलंबित कर दिया था। दोनों ही जिलों की कमान अभी तक किसी को नहीं सौंपी गई है। प्रदेश में भाजपा सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खासकर कानून-व्यवस्था को लेकर कड़े निर्देश दिए थे। उनका सीधा संदेश अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का था।
करीब एक वर्ष पूर्व तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक ने भी प्रदेश में पुलिस कमिश्नर प्रणाली का पायलेट प्रोजेक्ट शुरू किए जाने की मजबूत सिफारिश की थी। 15 राज्यों के 71 बड़े शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू है।
लखनऊ व गौतमबुद्धनगर को मिलेगा पुलिस कमिश्नर
प्रदेश में लखनऊ व गौतमबुद्धनगर में लंबे समय से उठ रही पुलिस के कमिश्नरी सिस्टम की मांग पर शनिवार को आखिरकार मुहर लग गई। यहां मुख्यमंत्री आवास पर शनिवार को हुई बैठक में सीएम योगी आदित्थनाथ ने डीजीपी ओपी सिंह और गृह विभाग के अफसरों के संग मंत्रणा करके लखनऊ और गौतमबुद्धनगर में पुलिस कमिश्नर तैनात करने की तैयारी करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में मंगलवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को पास किया जा सकता है। वहीं दूसरी तरफ गजट नोटिफिकेशन के जरिए भी कमिश्नरी सिस्टम लागू करने का विकल्प सरकार के पास है। अब देखना है कि दोनों में से सरकार कौन सा विकल्प चुनती है।
लखनऊ के साथ गौतमबुद्धनगर में पुलिस कमिश्नर तैनात करने के मामले में लगातार तीन दिन से कवायद जारी है। गुरुवार रात डीजीपी ओम प्रकाश सिंह और अपर प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी के साथ मुख्यंमत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर मंथन किया था। इसके बाद शुक्रवार को भी देर रात तक इस मामले पर मंत्रणा हुई। गृह विभाग, पुलिस विभाग और विधि विभाग के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय के अफसरों के बीच विचार-विमर्श किया गया। हर बिंदु पर चर्चा करने के बाद शनिवार सुबह इसको कैबिनेट में लाने का भी फैसला हो गया।
कमिश्नर के साथ दो एडिश्नल कमिश्नर
प्रदेश में पुलिस कमिश्नर के साथ ही एडिशनल कमिश्नर भी नियुकत करने का प्रस्ताव तैयार है। पुलिस कमिश्नर के साथ लखनऊ में दो एडिशनल कमिश्नर की तैनात करने का प्रस्ताव है। एडिशनल कमिश्नर डीआईजी रैंक के अफसर होंगे। इसमें एक पद तो एडिशनल कमिश्नर लॉ एण्ड आर्डर का है। एडिशनल एसपी के पद का नया नाम डीसीपी यानि उपायुक्त के पद का प्रस्ताव भी है। सीओ की जगह अब एसीपी यानि सहायक उपायुक्त का प्रस्ताव तैयार है।