रोहित दीक्षित/न्यूज वाणी ब्यूरो
लखनऊ। मोहनलालगंज सरकारी अस्पताल की बिगड़ी हुई स्थिति को सुधारने के लिए डॉक्टर त्रिएन्द्र 2 साल से मरीजों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन करने में लगे हुए हैं। मोहनलालगंज सरकारी अस्पताल में तैनात नेत्र चिकित्सक त्रिएन्द्र अक्टूबर 2017 में मोहनलालगंज सरकारी अस्पताल में जब आए थे तो अस्पताल में सुविधा नाम की चीज ही नहीं थी। मशीनें खराब पड़ी थी अस्पताल में मरीजों की भीड़ नहीं रहती थी नवंबर 2018 नेत्र ऑपरेशन से जुड़ी खराब पड़ी मशीनों को सीएमओ के जानकारी में सही करवा कर अस्पताल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन शुरू कर दिया लगभग 2 साल में 99 प्रतिशत मोतियाबिंद का ऑपरेशन अस्पताल में सफल हुआ। एक रुपए के पर्चे में निशुल्क मरीज का ऑपरेशन हो रहा है मरीजों में खुशी की लहर व्याप्त है। एक मरीज दूसरे मरीज से बताता है तो मरीजों की संख्या अस्पताल में बढ़ती जा रही है। डॉक्टर, त्रिएन्द्र किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करके अमरोहा में डिस्ट्रिक्ट जिला अस्पताल आई सर्जन के पद पर तैनाती मिली थी लेकिन डॉक्टरों के फेरबदल में मोहनलालगंज सरकारी अस्पताल में उनका ट्रांसफर हो गया और 2 साल में 220 ऑपरेशन करके यह साफ तौर पर जाहिर कर दिया सरकारी अस्पताल में भी तमाम सुविधाएं मरीजों निशुल्क को मिल रही हैं। मोहनलालगंज सरकारी अस्पताल की खराब स्थिति को नेत्र चिकित्सक त्रिएन्द्र ने सुधार दिया है। इस अस्पताल में तमाम डॉक्टरों का तबादला हुआ पोस्टिंग हुई लेकिन इस तरह का कार्य कोई भी डॉक्टर नहीं कर रहा है। वही डाक्टर त्रिएन्द्र ने बताया है कि 220 ऑपरेशन 2 साल में किए गए हैं जिसमें उन्नाव हरदोई मोहनलालगंज गोसाईगंज निगोहा सिसेंडी उत्तर गांव कालूखेड़ा जैसे तमाम गांव से मरीज मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने आते हैं जो मरीज ऑपरेशन करा कर जाता है वह दूसरे मरीज से बताता है और इसी तरह अस्पताल में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है अभी हाल में ही रहे सरकारी अस्पताल के अधीक्षक डॉ मिलिंद ने प्रस्तुति पत्र देकर नेत्र चिकित्सक को सम्मानित किया और लेकिन अभी भी शासन स्तर पर इसकी कोई जानकारी नहीं है मोहनलालगंज सरकारी अस्पताल में 2 साल में 220 ऑपरेशन हो चुके हैं।