वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा- निर्भया की मां दोषियों को माफ कर दें; आशा देवी बोलीं- भगवान भी कहे तो माफ नहीं करूंगी
नई दिल्ली. वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने निर्भया की मां से अपील की है कि वे 2012 में निर्भया से गैंगरेप और हत्या के दोषियों को माफ कर दें। उनके लिए मौत की सजा न मांगें। इस पर निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि वह ऐसा सुझाव देने वाली कौन होती हैं, भगवान भी कहे तो माफ नहीं करूंगी। इससे पहले, आशा देवी ने शुक्रवार को दिल्ली कोर्ट द्वारा निर्भया के दोषियों के डेथ वॉरंट की तारीख आगे बढ़ाए जाने के मामले में नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि जो लोग 2012 में महिला सुरक्षा के नारे लगाकर रैलियां कर रहे थे, वही लोग आज राजनीतिक फायदे के लिए दोषियों को सजा दिलवाने के मामले में देरी कर रहे हैं।
इस पर इंदिरा ने ट्वीट किया, ‘‘मैं आशा देवी का दर्द पूरी तरह से समझ सकती हूं। मगर मैं उनसे अपील करती हूं कि वे सोनिया गांधी का अनुसरण करें, जिन्होंने नलिनी (पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की दोषी) को माफ कर दिया। वे उसके लिए मौत की सजा नहीं चाहतीं। हम सभी आपके साथ हैं, लेकिन मौत की सजा के खिलाफ हैं।’’
इंदिरा जयसिंह जैसे लोगों की वजह से न्याय नहीं मिल पाता: आशा देवी
इंदिरा जयसिंह के बयान पर आशा देवी ने कहा, “मुझे ऐसा सुझाव देने वालीं इंदिरा जयसिंह कौन होती हैं? पूरा देश चाहता है कि दोषियों को फांसी दी जाए। उसके जैसे लोगों की वजह से दुष्कर्म पीड़ित को न्याय नहीं मिल पाता। विश्वास नहीं होता कि उन्होंने इस तरह का सुझाव दिया। मैं सुप्रीम कोर्ट में उनसे कई सालों तक मिली। उन्होंने एक बार भी मेरे बारे में नहीं सोचा और आज वे दोषियों के लिए बोल रही हैं। ऐसे लोग दुष्कर्मियों का समर्थन करके आजीविका चलाते हैं, इसलिए रेप की घटनाएं बंद नहीं हो रहीं।”
पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या की दोषी नलिनी
नलिनी 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की साजिश में शामिल होने की दोषी है। उसे मौत की सजा दी गई थी, जिसे बाद में सोनिया गांधी ने माफ कर दिया था। शुक्रवार को आशा देवी ने दोषियों की फांसी में हो रही देरी को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जो मुजरिम चाहते थे, वही हो रहा है। तारीख पर तारीख मिल रही है। हमारा सिस्टम ही ऐसा हो चुका है, जिसमें दोषी की ही बात सुनी जाती है।
दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने 7 जनवरी को निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाए जाने का डेथ वॉरंट दिया था। 17 जनवरी को नया डेथ वॉरंट जारी किया गया, जिसमें एक फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी देने का आदेश दिया गया।