– बड़े कारोबारियों पर कार्रवाई नहीं कर रही पुलिस
न्यूज वाणी ब्यूरो
किशनपुर/फतेहपुर। पुलिस अधीक्षक प्रशान्त वर्मा के निर्देशन व क्षेत्राधिकारी खागा अंशुमान मिश्रा के पर्यवेक्षण में किशनपुर थानाध्यक्ष राम किशोर यादव ने संदिग्ध वाहनों की चेकिंग के दौरान थाना क्षेत्र के सिलमी नहर पुलिया के पास बाइक सवार तीन ब्यक्तियों को गाँजे की बड़ी खेप के साथ धर दबोचा।
जानकारी के अनुसार भोर पहर किशनपुर थानाध्यक्ष राम किशोर यादव अपने हमराहियों के साथ किशनपुर नहर पुल के पास संदिग्ध वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान पुलिस को खागा कस्बे की ओर से आ रही एक तेज रफ्तार बाइक जिसमें तीन लोग सवार थे। को पुलिस टीम ने रुकने का इशारा किया। लेकिन बाइक सवार रुकने की बजाय भागने लगे। जिस पर पुलिस टीम ने उनको दौड़ाकर पकड़ लिया। जिन्होंने पुलिसिया पूँछतांछ के दौरान पुलिस को अपना नाम हरिश्चन्द्र पासवान पुत्र कल्लू निवासी हनुमान सिंह का पुरवा थाना हथगाँव, विपिन सिंह पुत्र राम किशोर सिंह निवासी पूरे राठौरन मजरे हरीमऊ थाना गदागंज रायबरेली व हेमेन्द्र कुमार दुबे पुत्र देव नारायण निवासी हरी मऊ थाना गदागंज रायबरेली बताया। जिनके पास से पुलिस ने लगभग आठ किलो एक सौ पचास ग्राम गाँजा एक टीवी एस मोटर साइकिल, एक अवैध तमंचा 12 बोर व दो जिंदा कारतूस भी बरामद किया। गिरफ्तार किये गये तीनो अभियुक्तों के खिलाफ पुलिस ने एनडीपी एस व आर्म्स ऐक्ट के तहत कार्यवाही करते हुए जेल भेज दिया।
मामले के बावत थानाध्यक्ष राम किशोर यादव ने बताया कि गिरफ्तार किये गये तीनो अभियुक्त शातिर अपराधी व पेशेवर गाँजा तश्कर हैं। जिनके खिलाफ आर्म्स एक्ट व एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्यवाही कर जेल भेजा जा रहा है। हलांकि भले ही थाना पुलिस गाँजा तश्करों को गिरफ्तार कर इतनी बड़ी कामयाबी मिलने से फूले नहीं समा रही हो किन्तु पुलिस द्वारा गाँजा तश्करों के खिलाफ की जा रही कार्यवाही के दौरान बड़ी मात्रा में गाँजे की बरामदगी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हो रहे गाँजा बिक्री के अवैध कारोबार की ओर इशारा है। लेकिन फिर भी पुलिस इस गाँजे के अवैध कारोबार के पीछे छिपे असली चेहरे व बड़े नामों को खोजने की बजाय छुटभैय्या गाँजा तश्करों के ऊपर कार्यवाही करके अपने कर्तब्यों की इतिश्री करने में लगी है। जबकि क्षेत्रियों की माने तो पुलिस को इस अवैध जरायम के कारोबार व उसके पीछे छिपे असली चेहरों व उनके नाम की पूरी जानकारी है। लेकिन फिर भी पुलिस इन असली गुनहगारों की गिरहबान में हाँथ डालने से कतरा रही है। जिसके दो ही बड़े कारण हैं। माफियाओं को प्रदेश की राजनीति में सक्रिय कुछ नामचीन राजनैतिक हस्तियों का संरक्षण प्राप्त होना। या फिर इन अवैध कारोबारियों से पुलिस को माहवारी के रूप में मिलने वाला अतिरिक्त लाभ। वहीं इन बड़े गाँजा तश्करों पर कार्यवाही ना करने से पुलिस की ईमानदार कार्यशीली में भी प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है।