नई दिल्ली । एम्स में नए सत्र के लिए मेडिकल स्नातकोत्तर में दाखिले के साथ ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) आरक्षण लागू हो गया है। इस वजह से संस्थान में एमबीबीएस के दाखिले में भी आर्थिक आरक्षण लागू होने का रास्ता साफ हो गया है। अब नए शैक्षणिक सत्र में आर्थिक आरक्षण के तहत सामान्य वर्ग के गरीब परिवारों के छात्रों को एम्स में एमबीबीएस में दाखिला मिल पाएगा। यह व्यवस्था दिल्ली सहित देशभर के सभी एम्स में लागू होगी। खास बात यह है कि एम्स में इस बार एमबीबीएस की 25 फीसद सीटें भी बढ़ेंगी। इसलिए अब पहले की तुलना में अधिक छात्रों में एम्स से मेडिकल की पढ़ाई करने का अवसर मिलेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले साल ही सभी मेडिकल कॉलेजों को आर्थिक आरक्षण को लागू करने का निर्देश दिया था लेकिन तब एम्स ने इसे लागू नहीं किया था। एम्स ने मंत्रलय को पत्र भेजकर पिछले साल यह व्यवस्था लागू करने में असमर्थता जताई थी। दरअसल, ईडब्ल्यूएस आरक्षण के तहत शिक्षण संस्थानों में सीटें बढ़ाने का भी प्रावधान है। इस वजह से एम्स ने मंत्रालय से कहा था कि संसाधनों की कमी के चलते वह शैक्षणिक सत्र 2019-20 में आर्थिक आरक्षण को लागू करने में सक्षम नहीं है। इस वजह से एम्स सहित कुछ अन्य संस्थानों को पिछले साल इसे लागू करने से छूट दी गई थी।
सामान्य वर्ग के गरीब छात्रों को 10 फीसद सीटों पर मिल सकेगा दाखिला
पिछले साल दिल्ली एम्स ने देशभर के 15 एम्स में करीब 1200 सीटों पर दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा ली थी। तब एम्स द्वारा आर्थिक आरक्षण को लागू नहीं करने से सामान्य वर्ग के गरीब परिवारों के छात्रों को उसका लाभ नहीं मिल पाया था। बाद में सभी एम्स के बेहतर संचालन के लिए गठित केंद्रीय इंस्टीट्यूट बॉडी (सीआइबी) की बैठक में इस साल आर्थिक आरक्षण को अनिवार्य रूप से लागू करने का फैसला किया गया। इसके मद्देनजर इस साल संस्थान में एमबीबीएस की 10 फीसद सीटों पर ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत दाखिले होंगे। एम्स में एमबीबीएस की 107 सीटें हैं। जिसमें सात सीटें विदेश के छात्रों के लिए निर्धारित हैं। इस तरह एम्स में 100 सीटों पर देश के छात्रों को एमबीबीएस में नामांकन मिल पाता था। इस बार 25 सीटें बढ़ेंगी। इसलिए एम्स में एमबीबीएस की सीटें 132 हो जाएंगी।
एम्स की प्रवक्ता डॉ. आरती विज ने बताया कि मेडिकल स्नातकोत्तर में इस बार आर्थिक आरक्षण के तहत आरक्षित सीटों पर चयनित छात्रों का दाखिला लिया गया है। इसलिए एमबीबीएस में भी इस बार इसे लागू किया जाएगा। साथ ही सीटों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है।
नीट के तहत ही किए जाएंगे एम्स में दाखिले
एम्स एमबीबीएस में दाखिले के लिए अलग से प्रवेश परीक्षा नहीं लेगा। राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) के तहत ही सभी एम्स के एमबीबीएस कोर्स में छात्रों के दाखिले होंगे।