न्यूज वाणी ब्यूरो
फतेहपुर। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम ने लगभग पांच वर्ष पहले एक नर्सिंग होम पर लापरवाही के आरोपों की सुनवाई करते हुए जहां परिवादी की समस्त मांगी गयी धनराशि को स्वीकार कर लिया और इसके भुगतान के लिए बीमा कम्पनी को निर्देशित किया है। जबकि नर्सिंग होम के डाक्टर दम्पति को बीमा होने के कारण धनराशि की अदायगी से मुक्त कर दिया गया है।
विवरण के अनुसार शहर के आबूनगर रेड्इया निवासी मनोज कुमार वाजपेई ने अपने परिवाद में कहा था कि उसकी पत्नी स्व. विजय लक्ष्मी उर्फ रजनी की डिलेवरी होनी थी। जिसकी नियमित जांच करूणा जीवन ज्योति में होती थी। छः मार्च को दर्द उठने पर उसने अपनी पत्नी को नर्सिंग होम में भर्ती कराया था और खून की जांच के लिए नेशनल पैथाॅलाजी भेजा गया था। तत्पश्चात अस्पताल के डाक्टर अनुज मिश्रा व डा. अर्चना मिश्रा ने आपरेशन की सलाह दी थी। इस पर आपरेशन करके डिलेवरी करा दी गयी थी लेकिन खून बंद न होने पर डाक्टर दम्पत्ति द्वारा कहा गया कि दूसरा आपरेशन करके बच्चेदानी निकालना पडेगा। उसी दिन डाक्टर दम्पत्ति ने कहा कि विजय लक्ष्मी की हालत खराब हो रही है खून की जरूरत है इस पर परिवादी ने खून की व्यवस्था अस्पताल से करवाने को कहा और बदले में खून का रूपया भी देने में सहमति व्यक्त की थी। आरोप लगाया गया था कि हालत नाजुक होने पर उसे नर्सिंग होम से बाहर कर दिया गया था। गम्भीर हालत में नर्सिंग होम कानपुर ले जाया गया जहां पर नौ मार्च को जच्चे की मौत हो गयी। मौत के बाद उसने विभिन्न तरीके से कुल 1990000 रूपये की क्षतिपूर्ति की मांग की गयी थी। फोरम के अध्यक्ष राजाराम सरोज व सदस्य शैलेन्द्र नाथ ने मामले की अन्तिम सुनवाई करते हुए विभिन्न मदो में 575000 रूपये 30 जून 2015 से 7 प्रतिशत साधारण वर्ष ब्याज के साथ तथा शारीरिक, मानसिक कष्ट के साथ-साथ परिवाद व्यय के लिए कुल 7 हजार रूपये एक माह के अन्दर अदा करने का आदेश बीमा कम्पनी को दिया है। आदेश में फोरम ने कहा कि बीमा होने के कारण डाक्टर दम्पत्ति को धनराशि अदायगी से मुक्त किया जाता है।
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