पाकिस्तान में 60 रुपये बिक रहा पराठा, 20 किलो वाली आटे की थैली 1,100 रुपये में, फवाद के बेतुके बोल पर बवाल
लाहौर/पेशावर, पाकिस्तान में खाद्य संकट और गहरा गया है। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, आटे की कीमत बढ़कर 75 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई है। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे खैबर पख्तूनख्वा में तंदूर वालों की हड़ताल मंगलवार को भी जारी रही। इससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। आलम यह है कि कुछ तंदूर की दुकानों पर पराठे की कीमत 60 रुपये प्रति पीस से अधिक हो गई है।
20 किलो वाली आटे की थैली 1,100 रुपये में
समाचार एजेंसी एएनआइ दुनिया न्यूज के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी प्रांत में हालात बेहद खराब हो गए हैं और लोगों को आटे के लिए लंबी लंबी कतारों में देखा जा रहा है। आलम यह है कि 20 किलो वाली आटे की थैली 1,100 रुपये में मिल रही है जबकि 85 किलो के आटे की बोरी 5,200 रुपये में मिल रही है। पाकिस्तान के लाहौर, फैसलाबाद, मुल्तान और गुजरांवाला में आटा 70 प्रति किलो की दर से मिल रहा है।
बयान बहादुर मंत्रियों के बेतुके बोल
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में जारी खाद्यान्न संकट के लिए विपक्षी दल सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वहीं इमरान खान के बयान बहादुर मंत्रियों की बयानबाजियां सरकार पर सवालों की धार को और तेज कर रही हैं। रेल मंत्री शेख राशिद के बयान से सरकार की और किरकिरी हो रही है। दरअसल, शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में शेख राशिद से जब गेहूं की किल्लत पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने अपने चिरपरिचित अंदाज में बेतुका बयान दे डाला…
शेख राशिद बोले, नवंबर दिसंबर में लोगों की बढ़ी खुराक ने कहा कि नवंबर और दिसंबर के महीने में लोगों की खुराक अचानक इजाफा हो गया जिससे लोगों ने आम महीनों की तुलना में जमकर चपातियां यानी रोटियां खाई। शेख राशिद के बयान से प्रेस कांफ्रेंस हॉल ठहाकों से गूंज उठा। शेख राशिद यहीं चुप रहते तो बात कुछ और होती। उन्होंने आगे कहा कि देखिए यह कोई मजाक वाली बात नहीं है… मैंने एक अध्ययन के आधार पर यह दावा किया है।
विपक्ष बोला, दुनिया भर में उड़ रहा मजाक
पाकिस्तान की संसद में सोमवार को विपक्षी सांसदों ने शेख राशिद के बयान की जमकर आलोचना की। जमात-ए-इस्लामी के सांसद सिराजुल हक और अन्य सांसदों ने कहा कि आज दुनिया हमारा मजाक उड़ा रही है। एक ओर जहां लोग चांद पर जा रहे हैं, पाकिस्तान में लोगों को आटे और गेहूं के लिए लाइनों में लगना पड़ रहा है जबकि पाकिस्तान दुनिया का आठवां गेहूं उत्पादक मुल्क है।
इसलिए पैदा हुआ संकट
रिपोर्टों में गेहूं संकट के लिए पर्याप्त फसल न होने, ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल और खराब मौसम के कारण आपूर्ति प्रभावित होने की बात कही जा रही है। यह भी कहा जा रहा है कि अफगानिस्तान के साथ लगती खुली सीमा से गेहूं की तस्करी हुई जिससे आटे और गेहूं की किल्लत हो गई। सरकार इस संकट को पहले भांप नहीं पाई जिससे लोगों के सामने भोजन की समस्या पैदा हो गई। वहीं विपक्षी दलों का कहना है कि अफगानिस्तान को 40 हजार टन गेहूं बेचने से यह समस्या खड़ी हुई है।
हड़ताल खत्म होने से राहत की उम्मीद
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ के मुताबिक, सरकार और पेशावर नानबाई एसोसिएशन के बीच कीमतों को लेकर समझौता हो गया है और हड़ताल खत्म हो गई है। इससे लोगों को सस्ती कीमत पर रोटियां मिलने की उम्मीद जग गई है। सिंध में सरकार ने आटे की कीमत 43 रुपये प्रति किलो तय कर रखी है जबकि खुदरा दुकानों पर इसकी कीमत 70 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुकी है।
चीनी के दाम भी आसमान पर
पाकिस्तान में आटे के साथ साथी चीनी की कीमतें भी आसमान छू रही हैं। खुदरा बाजार में चीनी के दाम 85 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं जबकि थोक रेट 77 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गए हैं। हालांकि, कराची में चीनी के दाम 78 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गए हैं। पाकिस्तान सुगर मिल एसोसिएशन सिंध के अध्यक्ष तारा चंद ने बताया कि इस साल देश में गन्ने का उत्पादन 15 फीसद गिर गया है। हालांकि, सरकार ने चीनी की कीमतें थामने के लिए एक हुक्मनामा जारी किया है। सरकार ने 40 किलो चीनी के कट्टे की कीमत 192 रुपये तय कर रखी है लेकिन सरकारी फरमान लोगों को राहत नहीं दे पा रहा है।