फतेहपुर। न्यूज़ वाणी नफीस जाफ़री प्रदेश के समस्त वर्गाें के शिक्षक असन्तोष एवं अनिश्चिय की पीड़ा झेल रहे हैं। उच्च शिक्षा सेवा आयोग के गठन के बाद भी चयन की प्रक्रिया प्रारम्भ नहीं की जा सकी है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग भी गठित नहीं किया गया है। परिणाम स्वरूप माध्यमिक विद्यालयों के प्राचार्याें व शिक्षकों के चयन रूके हैं। जो चयनित शिक्षक हैं, उनकी अभी तक नियुक्तियां नहीं की गयी हैं। जिससे उनमें काफी आक्रोश है। यह बात पत्रकारों से वार्ता के दौरान इलाहाबाद-झांसी स्नातक क्षेत्र के विधायक एवं उपनेता भाजपा विधायक दल विधान परिषद डा0 यज्ञदत्त शर्मा ने कहा। वह बुन्देलखण्ड के मूल्यांकन केन्द्रों का दौरा करके यहां आये थे। स्नातक विधायक डा0 शर्मा न शिक्षकों की पीड़ा को व्यक्त करते हुए कहा कि व्यवसायिक एवं कम्प्यूटर शिक्षक विनिमितीकरण की मांग कर रहे हैं। वित्तविहीन शिक्षक मानदेय के लिए बोर्ड की कापियां जांचने का बहिष्कार कर रहे हैं। हालात यह हो गये हैं कि अपनी मांग के लिए पुरूष तो पुरूष, महिला शिक्षक तक सिर मुड़ाकर प्रदर्शन कर रह हैं। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षकों के एक लाख अड़तालिस हजार पद रिक्त हैं किन्तु केवल अड़सठ हजार शिक्षकों की भर्ती की योजना है। लाखों की संख्या में शिक्षामित्र बने शिक्षक कतिपय फैसलों के कारण पुनः शिक्षामित्र के कार्य में लगाये गये हैं। यह स्थिति विस्फोटक है। डा0 शर्मा ने कहा कि सरकार अनिश्चय की स्थिति में है, नौकरशाह मनमानी पर तुले हैं और सरकार से शिक्षकों को अपेक्षायें थी वे जहां की तहां हैं। इस कारण प्रदेश का शिक्षक हताश व निराश है। स्नातक विधायक ने सरकार को चेताया कि वह बुद्धिजीवी समाज के असन्तोष व आक्रोश को समझे व समय पर नियुक्तियां कर निराश नव जवानों को नौकरी दें। वार्ता के दौरान स्नातक विधायक प्रतिनिधि शैलेन्द्र शरन सिम्पल भी मौजूद रहे।